Hindi Literature
पेशे-ख़िदमत है अश्विनी जेतली की इस हफ़्ते की ग़ज़ल
अश्विनी जेतली वरिष्ठ पत्रकार होने के साथ एक बेहतरीन शायर भी हैं
तुम्हें याद हो कि न याद हो/कमलेश भारतीय
आज मेरा मित्र डाॅ सुरेंद्र मंथन इस दुनिया में नहीं पर मुझे उसने जो किशोर मिलवाया...
मायानगरी का काला सच...?/कमलेश भारतीय
आखिर किसी गैर फिल्मी परिवार के व्यक्ति को इतना संघर्ष क्यों करना पड़ता है?

