Hindi Literature
तुम्हें याद हो कि न याद हो/कमलेश भारतीय
आज मेरा मित्र डाॅ सुरेंद्र मंथन इस दुनिया में नहीं पर मुझे उसने जो किशोर मिलवाया...
मायानगरी का काला सच...?/कमलेश भारतीय
आखिर किसी गैर फिल्मी परिवार के व्यक्ति को इतना संघर्ष क्यों करना पड़ता है?
सुशांत ने सबको किया अशांत/कमलेश भारतीय
सुशांत से पहले बल्कि बहुत पहले गुरुदत्त की कहानी भी ऐसे ही खत्म हुई
अश्विनी जेतली की नई साप्ताहिक ग़ज़ल
एक वरिष्ठ पत्रकार होने के साथ साथ अश्विनी जेतली बेहतरीन शायर भी हैं


