भारतीय ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए एमडीयू में होगी सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम की स्थापना

भारतीय ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए एमडीयू में होगी सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम की स्थापना

रोहतक, गिरीश सैनी। भारतीय परंपरागत ज्ञान प्रणाली को शैक्षणिक धारा में शामिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एमडीयू निकट भविष्य में भारतीय ज्ञान प्रणाली पर आधारित पाठ्यक्रम प्रारंभ करेगा। यह जानकारी कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने विभागाध्यक्षों की एक बैठक में दी।

बैठक को संबोधित करते हुए कुलपति ने कहा कि भारत का पारंपरिक ज्ञान न केवल हमारे सांस्कृतिक गौरव का हिस्सा हैं, बल्कि यह आज की वैश्विक चुनौतियों के समाधान में भी उपयोगी सिद्ध हो सकता है। ऐसे में उच्च शिक्षा संस्थानों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे भारतीय ज्ञान प्रणाली को शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में उचित स्थान दें। उन्होंने बताया कि एनईपी-2020 में भारतीय ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया गया है। इसी दिशा में एमडीयू द्वारा आने वाले समय में विशेष प्रमाणपत्र, डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने सभी विभागाध्यक्षों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने विभागों में भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित संभावनाओं की पहचान करें और पाठ्यक्रम विकास में सक्रिय योगदान दें। उन्होंने कहा कि विवि में सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम की स्थापना की जाएगी। जिससे न केवल विद्यार्थियों का भारत की वैचारिक, बौद्धिक और सांस्कृतिक विरासत से परिचय होगा, बल्कि नई शोध परियोजनाओं और नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा।

कुलपति ने बैठक में आगामी सत्र से फार्मेटिव एसेसमेंट के प्रभावी क्रियान्वयन की बात कही। उन्होंने विभागाध्यक्षों से शोध पर विशेष फोकस करने, स्टूडेंट-टीचर इंटरेक्शन को बढ़ावा देने, एकेडमिक ऑडिट रिपोर्ट समय पर पूरा करने, पोस्ट मेट्रिक स्कालरशिप से जुड़े मामले निपटाने की बात कही। बैठक में डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए.एस. मान, कुलसचिव डा. कृष्णकांत, कुलपति के सलाहकार प्रो. ए.के. राजन, डीन, पी एंड डी प्रो. एस.सी. मलिक, डीन, स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रणदीप राणा, निदेशक आईक्यूएसी प्रो. बी. नरसिम्हन, डीन आर एंड डी प्रो. हरीश दूरेजा, परीक्षा नियंत्रक प्रो. राहुल ऋषि सहित संकाय डीन और विभागाध्यक्ष मौजूद रहे।