योग ही जीवन है और योग ही सत्य है: ओ पी आर्य 

योग ही जीवन है और योग ही सत्य है: ओ पी आर्य 
ओ पी आर्य।

-कमलेश भारतीय 
योग ही जीवन है और योग ही सत्य ! यह कहना है पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी ओ पी आर्य का ! वे सेक्टर पंद्रह की बी एंड आर काॅलोनी में रहते हैं और छात्र जीवन से ही योग से जुड़े और आज तक जुड़े हुए हैं । मूल रूप से खारिया गांव निवासी ओ पी आर्य हिसार में पिछले 46 वर्ष से रह रहें है।
-शिक्षा कहां कहां हुई ?

-भिवानी के टी आई टी स्कूल में सातवीं तक । बालसमंद में एक साल आठवीं तक । फिर हिसार के सी ए वी स्कूल से मैट्रिक । डीएन काॅलेज से प्रेप । राजपुरा(पंजाब) से ग्रामीण सेवायें (केंद्र से संबद्ध) में तीन साल का डिप्लोमा । बीएड भिवानी के के एम काॅलेज ऑफ एजुकेशन से । एम ए प्राइवेट तौर पर राजनीति शास्त्र में की ।
-पहली नियुक्ति अध्यापक के तौर पर कहां ?
-अस्थायी तौर पर मानहेरू में व आदमपुर । फिर सन् 1982 में मुख्याध्यापक । सन् 1987 में प्रिंसिपल रहा भूना व हिसार में । फिर उमंडलाधिकारी (शिक्षा) , फिर उपाध्यक्ष जिला शिक्षाधिकारी और बाद में जिला शिक्षा अधिकारी, हिसार से रिटायर्ड हुए ।
-काॅलेज में किन गतिविधियों में भाग लेते थे ?
-हाॅकी का खिलाड़ी था और एथलेटिक्स में भी भाग लेता रहा ।
-योग में रूचि कब से ?
-सी ए वी स्कूल में छात्र जीवन से योग शिविरों से रूचि हुई और फिर यह मेरा जीवन ही बन गया । 
-क्या योग सिखाया भी आपने ?
- जी। आस-पास रहने वालों को सिखाया व अपने साथियों को भी प्रेरित किया। हरियाणा योग एसोसिएशन से भी जुड़ा रहा । 
-कोई पुरस्कार मिला आपको ?
-योग में तीन राष्ट्रीय और दस राज्यस्तरीय पुरस्कार मिले ।
-अब किसी संस्था से जुड़े हैं ?
- आजकल ब्रह्मकुमारी संस्था के साथ, पहले विश्वास संस्था से जुड़े रहे। बोस्टल जेल व केंद्रीय कारागार में भी बंदियों को जीवन के मंत्र देने जाता हूं ।
-आपके प्रेरक या आइकाॅन कौन ?
-मेरे पिता जी मास्टर मामन राम जी । उन्होंने ग्रामीण पृष्ठ भूमि के होने के बावजूद खुद शिक्षक बने व हम भाई बहनों को पढ़ाया और आर्य समाज से जुड़े रहे और उन्हीं से समाज सेवा की  प्रेरणा मिली । 
-आगे क्या लक्ष्य ?
-समाज सेवा, अनुशासन, स्वच्छता को बढ़ावा देना ! 
हमारी शुभकामनाएं ओ पी आर्य जी को ।