कंफर्ट जोन से बाहर निकल कर जीवन की चुनौतियों को स्वीकारें महिलाएः प्रो. सुदेश

जीजेयू में 'शिक्षा जगत में महिला नेतृत्व' विषय पर तीन दिवसीय कार्यक्रम शुरू।

कंफर्ट जोन से बाहर निकल कर जीवन की चुनौतियों को स्वीकारें महिलाएः प्रो. सुदेश

हिसार, गिरीश सैनी। महिलाएं अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकल कर जीवन की चुनौतियों को स्वीकार करें। वे अपनी ताकत को समझकर आगे बढ़ें और खुद में एक विश्वास पैदा करें। महिलाओं में नेतृत्व की अद्भुत क्षमता है। यह उद्गार बीपीएसएमवी, खानपुर कलां की कुलपति प्रो. सुदेश ने बुधवार को गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विवि के मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र (एमएमटीटीसी) के सौजन्य से 'शिक्षा जगत में महिला नेतृत्व' विषय पर शुरू हुए तीन दिवसीय कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

प्रो. सुदेश ने कहा कि यह कार्यशाला महिलाओं को खुद को समझने का मौका देगी और कार्यशाला के अंत में महिलाएं खुद को बदला हुआ पाएंगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं को जब-जब मौके मिले हैं, वे बड़े बदलाव का आधार बने हैं। उन्होंने प्रतिभागियों का आह्वान किया कि वे नेतृत्व भूमिका में आएं, अगर महिलाएं ऐसा नहीं करेंगी तो इससे उन्हें खुद के नुकसान के साथ-साथ परिवार, राज्य और राष्ट्र का भी नुकसान होगा। महिलाओं के नेतृत्व भूमिका में आने से नए आयाम स्थापित होंगे।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए गुजवि कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि भारतीय सभ्यता में नारी को 'शक्ति' कहा गया है। यह केवल एक उपमा नहीं है, बल्कि यह एक तत्व-दर्शन है। गार्गी, मैत्रेयी, लोपामुद्रा, अपाला जैसी विदुषियां केवल विचारशील नहीं थी, वे उस युग की विचार-क्रांति की ध्वजवाहिका थी। उन्होंने कहा कि भारती मिश्र, छठी सदी की विदुषी, जिन्होंने मिथिला में शंकराचार्य जैसे महान अद्वैत वेत्ता को शास्त्रार्थ में चुनौती दी और स्वयं उनके एवं मंडन मिश्र के मध्य निर्णायक बनीं। यह नारी नेतृत्व का ऐसा ऐतिहासिक प्रमाण है, जिसे भूलना स्वयं को भूलना होगा।  उन्होंने महिलाओं को जन्मजात नेता बताते हुए कहा कि उनमें सहानुभूति की तीव्र संवेदना, पोषण की भावना और समष्टिगत दृष्टिकोण की सहज प्रवृत्ति है।

एमएमटीटीसी की निदेशिका प्रो. सुनीता रानी ने स्वागत सम्बोधन किया। कार्यक्रम की संयोजिका डा. अंजू गुप्ता ने विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की और बताया कि इस कार्यक्रम में 35 महिला प्रतिभागी शिक्षक भाग ले रहे हैं। धन्यवाद सम्बोधन एमएमटीटीसी के उप निदेशक डा. हरदेव सिंह ने किया। इस दौरान 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत मुख्यातिथि प्रो.सुदेश व कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने पौधारोपण भी किया।