पर्यावरण संरक्षण में सहायक होता है शाकाहारी भोजन

कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश और हरियाणा के 11 जिलों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। इनमें लखनऊ के अलावा, अधिकांश जिले दिल्ली के आसपास हैं। उत्तर भारत में केस बढ़े जरूर हैं, लेकिन इस बार संक्रमण गंभीर नहीं है।

पर्यावरण संरक्षण में सहायक होता है शाकाहारी भोजन

कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश और हरियाणा के 11 जिलों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। इनमें लखनऊ के अलावा, अधिकांश जिले दिल्ली के आसपास हैं। उत्तर भारत में केस बढ़े जरूर हैं, लेकिन इस बार संक्रमण गंभीर नहीं है। लोगों को अस्पताल में भरती करने की जरूरत नहीं पड़ी है और मौतें न के बराबर हैं। यूटी चंडीगढ़ में अप्रैल के पहले सप्ताह में ही कोविड संबंधी सभी बंदिशें हटा ली गई थीं, लेकिन मास्क पहनने पर अब फिर से जोर दिया जा रहा है। प्रशासन की नई एडवाइजरी में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने की सलाह दी गई है, भले ही इसके लिए किसी का चालान नहीं काटा जाएगा। जिन स्थानों पर मास्क पहन का रहना चाहिए, उनमें बस, ट्रेन, विमान, टैक्सी, सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, डिपार्टमेंटल स्टोर, क्लासरूम, ऑफिस और भीड़भाड़ वाली जगहें शामिल हैं। कोरोना के कारण अनेक लोगों को कई तरह की परेशानियां हुईं, जिनमें बाल झड़ना, मांसपेशियों में दर्द और मानसिक रोग प्रमुख हैं। कोरोना काल में घरों में कैद होकर रहे काफी बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण दिखाई दे रहे हैं।

 

एक कंज्यूमर कोर्ट ने थाई एयरवेज पर 17 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है, क्योंकि हरियाणा के एक यात्री को मेलबर्न की फ्लाइट में नॉनवेज भोजन दिया गया, जबकि उसने टिकट बुकिंग के समय ही अपनी पसंद बता दी थी। दिल्ली से बैंकॉक के बीच जो खाना दिया गया, उसका स्वाद अटपटा लगने पर या यात्री ने पूछताछ की तो पता चला कि उसे नॉनवेज खाना दिया गया था। एयरलाइन ने ईमेल पर इस शिकायत का जब कोई जवाब नहीं दिया तो यात्री ने कंज्यूमर कोर्ट में केस कर दिया। जो लोग नॉनवेज भोजन नहीं करते उनके लिए ऐसी स्थिति बेहद परेशानी वाली हो जाती है। वैसे बता दूं कि ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ाने में नॉनवेज भोजन भी जिम्मेदार है। एक पशु को बड़ा करने में खेती के मुकाबले अधिक पानी खर्च होता है और जानवरों की वजह से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन बढ़ता है। पशु पक्षियों के प्रति दया भावना रखनी चाहिए और पर्यावरण को होने वाले नुकसान के मद्देनजर भी शाकाहारी भोजन करने में ही समझदारी है।

 

पर्यावरण को बचाने के लिए व्यक्ति से लेकर कंपनियों, सरकारों और देशों को हर स्तर पर प्रयास करने होंगे। इसके लिए संयुक्त राष्ट्र की ओर से सतत विकास लक्ष्य जारी किए गए हैं। हुरुन इंडिया की ताजा रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की टॉप 50 कंपनियों में से जिन 29 कंपनियों ने इस दिशा में पहल की है, उनमें आईटीसी, इन्फोसिस, सिप्ला, अडाणी पोर्ट, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, हिंदुस्तान जिंक और टेक महिंद्रा शामिल हैं। इस सूची से प्रेरित होकर अन्य कंपनियां भी प्रयास तेज कर सकती हैं। कई कंपनियां लगातार ऐसे ऊर्जा स्रोतों की ओर मुड़ रही हैं जिनसे पर्यावरण को कम से कम हानि हो। इसके लिए वाटर रिसाइक्लिंग प्लांट और सोलर इनर्जी प्लांट लगाए जा रहे हैँ। ऐसा करने से न सिर्फ पर्यावरण सुरक्षित होगा, बल्कि कंपनियों की लागत भी घटेगी। सद्गुरु जगदीश जग्गी वासुदेव मिट्‌टी को निष्क्रिय पदार्थ नहीं, बल्कि जीवन का स्रोत मानते हैं। मिट्‌टी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए वह 100 दिन के एक अंतर्राष्ट्रीय बाइक अभियान पर निकले हुए हैं। सद्गुरु कहते हैं कि मिट्‌टी को पुनर्जीवित करने से पर्यावरण की मौजूदा चुनौतियों से निबटने में मदद मिलेगी। 

 

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं)