समाचार विश्लेषण/कुछ मान, कुछ अपमान की बात 

समाचार विश्लेषण/कुछ मान, कुछ अपमान की बात 
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय 
आइए आज करें कुछ मान तो कुछ अपमान की बात । देश भर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच यह मान अपमान की जंग पिछले कुछ वर्षों से लगातार चल रही है । कभी न कभी धीमी तो कभी तेज़ हो जाती है । इन दिनों यह जंग फिर तेज़ हुई है कोरोना और यास संबंधी बैठकों को लेकर । पहले कोरोना की बैठक में ममता बनर्जी को बोलने का अवसर नहीं दिया तो वे अपने आपको अपमानित महसूस करने लगीं । मौके की तलाश करने लगीं और ज्यादा दिन नहीं बीते । मौका बन गया । प्रधानमंत्री यास की तैयारियों को लेकर बंगाल पहुंचे लेकिन मुख्यमंत्री ही बैठक में आधे घंटे देरी से पहुंचीं और अपने दस्तावेज थमा कर चलती बनीं । कारण जो निकल कर सामने आया वह यह कि शुभेंदु अधिकारी को बैठक में क्यों आमंत्रित किया ? यह मेरा अपमान है । भाजपा ने इसे रूप दिया कि मुख्यमंत्री पश्चिमी बंगाल के लोगों का भला नहीं चाहतीं और अपने मान स्वाभिमान में उलझी रहती हैं । उन्हें यह मान अपमान छोड़ देना चाहिए । आखिर ममता भी खिलाड़ी ठहरीं । जवाब में कहा कि यदि मोदी बंगाल का भला करते हों तो वे उनके पांव छूने को भी तैयार हैं । वे तो भेदभाव कर रहे है पश्चिमी बंगाल से । फिर हमारी एक अन्य जरूरी बैठक थी । हम उसमें चले गये । अब मुख्यमंत्री का गुस्सा झेलना पड़ा मुख्य सचिव को और उन्हें दिल्ली तलब कर लिया गया कि आप आधा घंटा देरी से प्रधानमंत्री की बैठक में क्यों पहुंचे ? अब गेंद कांग्रेस के पाले में भी पहुंच गयी । कांग्रेस ने आलोचना की है आईएएस को इस तरह अपमानित करने की यानी बात मान अपमान की दूर तक निकल गयी है।  कहते हैं न कि बात निकलेगी तो दूर तलक जायेगी और जा रही है । प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच यह मान अपमान की लडाई पश्चिमी बंगाल के विकास पर तो असर डाल ही रही है । 

इसी मान अपमान में हरियाणा के एक्टर रणदीप हुड्डा भी फंस गये नौ साल पुराने वीडियो के चलते  इसी प्रकार अभिनेत्री मुनमुन दत्ता और युविका चौधरी पर भी मान अपमान का केस किया गया है । इससे पहले क्रिकेटर युवराज सिंह भी इसकी लपेट में आ चुके हैं । हांसी में एक्टीविस्ट रजत कल्सन जो पेशे से वकील हैं इन मामलों को उठा रहे हैं । ये वही युवा वकील हैं जो मिर्चपुर कांड में भी एक्टिव रहे दलित व दबे कुचले लोगों के सम्मान के लिए । रणदीप हुड्डा को तो अपना कोई पद भी इस पुराने वीडियो के चलते गंवाना पड़ा और मुनमुन दत्ता पर तो हमला भी होने का समाचार है । युवराज और युविका चौधरी को जल्द ही हम शायद हिसार या हांसी के कोर्ट परिसर में देख पायेंगे । ये सेलिब्रिटीज हैं और इन्हें संभल कर बोलना चाहिए।  ये किसी एक बिरादरी या समाज के नहीं रह जाते । सभी लोग इनका सम्मान करते हैं , फिर ये किसी का अपमान क्यों करते हैं या करते समय सोचते क्यों नहीं कि क्या परिणाम निकल सकते हैं इस कदम से ? 
कबीर कह गये हैं: 
वाणी ऐसी बोलिए मन का आपा खोये
औरन को शीतल करे, आपहिं शीतल होये