कला की आत्मा को संरक्षित करने का प्रयास करें विद्यार्थीः प्रो. एच.के. अग्रवाल

डीएलसी सुपवा में वार्षिक प्रदर्शनी “स्टूडेंट्स शोकेस” का आगाज।

कला की आत्मा को संरक्षित करने का प्रयास करें विद्यार्थीः प्रो. एच.के. अग्रवाल

रोहतक, गिरीश सैनी। स्थानीय डीएलसी सुपवा में वार्षिक कला प्रदर्शनी स्टूडेंट्स शोकेस का आगाज उत्साह और उमंग के साथ शुक्रवार को हुआ। दृश्य कला संकाय द्वारा प्रति वर्ष विद्यार्थियों द्वारा साल भर काम कर विकसित कला उत्पादों को प्रदर्शित करने और बढ़ावा देने के लिए इस प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है।

इस चार दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन पं. बीडीएस स्वास्थ्य विज्ञान विवि, रोहतक के कुलपति प्रो. एच.के. अग्रवाल ने बतौर मुख्य अतिथि किया। डीएलसी सुपवा के कुलपति प्रो. श्री प्रकाश, कुलसचिव डॉ गुंजन मलिक, दृश्य कला संकाय प्रमुख विनय कुमार और विवि के वरिष्ठ अधिकारियों और संकाय सदस्यों की उपस्थिति इस दौरान रही।

इस प्रदर्शनी में विवि के 300 से अधिक विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न श्रेणियों में बनाई गई 1000 से अधिक कलाकृतियां प्रदर्शित की जा रही हैं। जिनमें जागरूकता, सामाजिक संदेश, चित्रण, विज्ञापन, तेल चित्रकला, ऐक्रेलिक पेंटिंग, स्थापना कला, साइट विशिष्ट कला, मिट्टी और फाइबर कला मूर्तियां, फोटोग्राफी, स्केचिंग, क्ले मॉडलिंग और स्टिल एवं लघु पेंटिंग आदि शामिल हैं। इसके अलावा संवर्धित वास्तविकता और आभासी वास्तविकता आधारित पेंटिंग भी प्रदर्शित की गई हैं।

कुलपति प्रो. श्री प्रकाश ने विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शित कला कार्यों का अवलोकन किया और टीम-प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि दृश्य कला संकाय, स्टूडेंट शोकेस के माध्यम से विद्यार्थियों द्वारा किए गए उत्तम कार्यों को प्रस्तुत करने और उन्हें कला के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण काम कर रहा है।

मुख्य अतिथि प्रो. एच.के. अग्रवाल ने प्रदर्शित कलाकृति की बारीकियों को समझते हुए कलाकार-विद्यार्थियों के साथ संवाद किया। उन्होंने युवा कलाकारों को सलाह दी कि वे अपनी कला की आत्मा को संरक्षित करने का प्रयास करें। प्रो. एच.के. अग्रवाल ने कहा कि कलाकारों के पास उन्नत कौशल के साथ-साथ उन्नत अनुभूति भी होनी चाहिए।

कुलसचिव डॉ. गुंजन मलिक ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि यह कला प्रदर्शनी विवि के विद्यार्थियों की प्रतिभा और रचनात्मक भावना का सच्चा प्रतिबिंब है। दृश्य कला संकाय के प्रमुख विनय कुमार ने कहा कि हमारे विद्यार्थियों द्वारा विकसित कला पेशेवर मानकों के बराबर है।

यह प्रदर्शनी 12 मई, 2025 तक जारी रहेगी और आम जनता के लिए भी खुली रहेगी। इस दौरान डीन अकादमिक डॉ अजय कौशिक, निदेशक आईटी डॉ सीमा, दृश्य कला विभाग से अजय यादव, विश्वजीत सिंह सहित अन्य संकाय सदस्य मौजूद रहे।