विद्यार्थी हरियाणा के वास्तुकला के इतिहास की जानकारी करें हासिलः चेयरपर्सन मीता वशिष्ठ

विद्यार्थी हरियाणा के वास्तुकला के इतिहास की जानकारी करें हासिलः चेयरपर्सन मीता वशिष्ठ

रोहतक, गिरीश सैनी। हरियाणा फिल्म एवं एंटरटेनमेंट पॉलिसी की गवर्निंग परिषद की चेयरपर्सन मीता वशिष्ठ ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे हरियाणा की वास्तुकला के इतिहास की जानकारी हासिल करें। कला में गहरी रुचि लेकर प्रदेश की समृद्ध संस्कृति व धरोहर को संजोए रखने का कार्य करें।

चेयरपर्सन मीता वशिष्ठ स्थानीय दादा पंडित लख्मीचंद राज्य प्रदर्शन एवं दृश्य कला विश्वविद्यालय में हरियाणा फिल्म पॉलिसी के संदर्भ में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि विद्यार्थियों से संवाद कर रही थी। इससे पूर्व उन्होंने दीप प्रज्ज्वलन से कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। कुलपति डॉ. गजेंद्र चौहान, सूचना जनसम्पर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के परियोजना अधिकारी पवन आर्य व कुलसचिव डॉ गुंजन मलिक मनोचा ने भी दीप प्रज्वलित किया।

मीता वशिष्ठ ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश की संस्कृति व धरोहर के प्रचार-प्रसार के लिए फिल्म निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हरियाणा फिल्म एवं एंटरटेनमेंट पॉलिसी लागू की गई है। उन्होंने कहा कि कला में गहरी रुचि लेकर विद्यार्थी निपुण हो सकते है। किसी भी कार्य में निपुण होने के मार्ग में आयु कभी बाधा नहीं बन सकती। विद्यार्थी फिल्म बनाने के लिए बेहतर कहानी के लिए निरंतर अभ्यास करें। विद्यार्थी प्रदेश की प्राचीन परम्पराओं पर अनुसंधान करें।

चेयरपर्सन वशिष्ठ ने कहा कि प्राचीनकाल से ही हरियाणा की वास्तुकला उम्दा रही है तथा उनकी वास्तुकला में शुरू से ही गहरी रुचि रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा से ही ध्रुवपद अथवा ध्रुपद की शुरूआत हुई है। नाट्य शास्त्र के अनुसार वर्ण, अलंकार, गान-क्रिया, यति, वाणी, लय आदि जहां ध्रुव रूप में परस्पर सम्बद्ध रहे, उन गीतों को ध्रुवा कहा गया है, जिन पदों में उक्त नियम का निर्वहन हो रहा हो, उन्हें ध्रुवपद अथवा ध्रुपद कहा जाता है।

उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर का भ्रमण किया तथा उपलब्ध संसाधनों का अवलोकन करने के साथ-साथ विद्यार्थियों से भी संवाद किया। कुलपति डॉ. गजेंद्र चौहान ने चेयरपर्सन का पुष्पगुच्छ व शॉल भेंट कर स्वागत किया। इस अवसर पर अन्य संबंधित पदाधिकारी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।