नौकरी खोजने वाले न रहकर नौकरी देने वाले बने विद्यार्थीः कुलपति डॉ. अमित आर्य

डीएलसी सुपवा में मीडिया संवाद कार्यक्रम आयोजित।

नौकरी खोजने वाले न रहकर नौकरी देने वाले बने विद्यार्थीः कुलपति डॉ. अमित आर्य

रोहतक, गिरीश सैनी। भारत के नवाचार क्षेत्र में रचनात्मक अर्थव्यवस्था भविष्य की धुरी है। हमारा उद्देश्य डीएलसी सुपवा को केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता का केंद्र ही नहीं, बल्कि डिज़ाइन, मीडिया, विज़ुअल स्टोरीटेलिंग और बिल्ट एनवायरनमेंट्स में उद्यमशील प्रतिभाओं का लॉन्च पैड बनाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना के अनुसार हम चाहते हैं कि हमारे विद्यार्थी केवल नौकरी खोजने वाले न रहें, बल्कि स्वयं नौकरी देने वाले बने। यह उद्गार दादा लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन एवं दृश्य कला विवि (डीएलसी सुपवा) के कुलपति डॉ. अमित आर्य ने वीरवार को व्यक्त किए।

कुलपति डॉ. अमित आर्य विवि के जनसंपर्क निदेशक कार्यालय द्वारा आयोजित एक विशेष संवाद कार्यक्रम में मीडिया कर्मियों से रूबरू हो रहे थे। इस संवाद कार्यक्रम का उद्देश्य विवि की हालिया अकादमिक उपलब्धियों, आगामी पहलों तथा भविष्य की योजनाओं पर विचार साझा करना था। कुलपति ने इस दौरान विवि के विकास के लिए एक स्पष्ट कार्ययोजना प्रस्तुत की।

कुलपति डॉ. अमित आर्य ने संवाद के दौरान विशेष रूप से फिल्म एवं टेलीविज़न विभाग के पूर्व बैचों के लंबित शैक्षणिक एवं रचनात्मक प्रोजेक्ट्स को पूर्ण कराने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि इन कार्यों को शीघ्र पूरा करने के लिए उपकरणों की खरीद, लॉजिस्टिक समर्थन और आवश्यक स्टाफ की नियुक्ति के लिए कई महत्त्वपूर्ण स्वीकृतियां पहले ही दी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों को उनके अधूरे कार्य पूरे करने के लिए सक्षम बनाना हमारा दायित्व है। उनका कार्य ही उनका पोर्टफोलियो है और हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उनके पास संसाधन और सहयोग दोनों उपलब्ध हों।

कुलपति ने कहा कि विवि अब शिक्षण में नवाचार और उद्योग से जुड़ी विशेषज्ञता को जोड़ने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने बताया कि डिजाइन, आर्किटेक्चर, दृश्य कला तथा फिल्म एवं टीवी सहित सभी संकायों में विद्यार्थियों को पेशेवर दुनिया से जोड़ने और उनके प्रशिक्षण को सशक्त बनाने के लिए डोमेन विशेषज्ञों और इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स को जोड़ा जाएगा।

अपना विज़न साझा करते हुए डॉ. आर्य ने कहा कि उनका लक्ष्य डीएलसी सुपवा को रचनात्मक उद्यमिता का एक राष्ट्रीय केंद्र बनाना है। उन्होंने बताया कि देशभर के प्रतिष्ठित संस्थानों से आए हुए श्रेष्ठ शिक्षक विवि के विद्यार्थियों को शिक्षित कर रहे हैं। उन्होंने डिज़ाइन, फिल्म एवं टीवी, आर्किटेक्चर और दृश्य कला जैसे विविध विषयों में उभरती प्रतिभाओं को पोषित करते रहने और शिक्षा व उद्योग के सहयोग से अपने शैक्षणिक परिवेश को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता को दोहराया।

कुलसचिव डॉ. गुंजन मलिक ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह संवाद हमारे संस्थागत पारदर्शिता और जनसंपर्क की प्रतिबद्धता को और अधिक सुदृढ़ करता है। इस दौरान जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी संजीव सैनी, सुपवा के निदेशक जनसंपर्क बैनुल तोमर सहित वरिष्ठ शिक्षक, अधिकारी एवं विभागाध्यक्ष मौजूद रहे।