कूड़े से अटा रोहतक शहर, लोग खुद कूड़ा उठाने को मजबूरः सांसद दीपेन्द्र हुड्डा
कहा, सड़कों पर सड़ रहे कचरे से संक्रमण और गंभीर बीमारियां फैलने के आसार।

रोहतक, गिरीश सैनी। लोकसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि रोहतक शहर में न तो नियमित सफाई हो रही है और न ही समय पर कूड़े का उठान हो रहा है, जिससे जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं और इनसे उठने वाली बदबू ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। हालात यह है कि पिछले 10-15 दिनों से कूड़ा न उठने के कारण मजबूरी में लोगों को खुद ही कूड़ा उठाकर इधर-उधर फेंकना पड़ रहा है। शहर भर में नाले जाम हैं, सीवर चोक हो चुके हैं और बाजारों में जगह-जगह नाले का पानी जमा हुआ है। बीजेपी सरकार लोगों को साफ-सफाई की बुनियादी सुविधा तक नहीं दे पा रही है।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि 300 करोड़ रुपए के अमृत योजना घोटाले के दुष्परिणाम लोगों को झेलने पड़ रहे। हरियाणा के 6 नगर निगमों, 12 नगर परिषदों और 27 नगर पालिकाओं में कचरा उठाने व सफाई करने वाली कंपनी के टेंडर खत्म होने के बाद नये टेंडर ही नहीं हुए और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई। रोहतक सहित प्रदेश के 45 शहरों में कचरा उठाने का काम बंद पड़ा है। हज़ारों टन कूड़ा सड़कों पर जहां-तहां बिखरा हुआ है। बारिश में सड़कों पर सड़ रहे कचरे से संक्रमण और गंभीर बीमारियां फैलने के आसार हैं। सांसद ने कहा कि सफाई व्यवस्था बदहाल होने के कारण स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग भी लगातार गिरती जा रही है। पिछले साल राष्ट्रीय स्तर पर रोहतक की रैंकिंग 109 रही, जबकि 2022 में राष्ट्रीय रैंकिंग 38वें नंबर पर थी।
सांसद ने कहा कि 6 लाख से ज्यादा आबादी वाले रोहतक में सिर्फ 640 सफाई कर्मचारी हैं। 400 लोगों के मुकाबले 1 सफाई कर्मचारी के सरकारी अनुपात के मुताबिक सफाई कर्मियों की संख्या करीब 1500 होनी चाहिए। लेकिन 11 वर्षों में बीजेपी सरकार ने सफाई कर्मियों की कोई भर्ती ही नहीं की। बीजेपी सरकार ने डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन पर नजर रखने और मॉनिटरिंग के लिए रियल टाइम ट्रैकिंग पोर्टल व मोबाइल एप चालू करने का दावा किया गया था, लेकिन ये सभी दावे फुस्स साबित हो रहे हैं।
सांसद हुड्डा ने कहा कि सरकार की बदइंतजामी देखकर लगता है कि बीजेपी को हरियाणा की जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य से कोई वास्ता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि रोहतक की सड़कों से लेकर कॉलोनियों, मोहल्लों तक में बरसाती पानी जमा है और कीचड़ व बदबू से लोगों को नारकीय हालात का सामना करना पड़ रहा है। बरसाती पानी की निकासी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, ऐसे में नाले का पानी भी सड़कों पर भरा हुआ है।
सांसद ने कहा कि 17 जुलाई को दिल्ली में स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 का पुरस्कार वितरण समारोह होने वाला है, जिसमें केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय स्वच्छ सर्वेक्षण परिणाम घोषित करेगा। ऐसे में सफाई न होने से भीषण गंदगी का सामना कर रहे हरियाणा के 87 शहरों की साख भी दांव पर लगी हुई है। पिछले साल सर्वेक्षण में भी हरियाणा पिछड़ गया था और देशभर में 14वें स्थान पर आया था। केंद्रीय स्वच्छता टीम 4 प्रमुख बिंदुओं जैसे शहर की साफ-सफाई, डोर-टू-डोर कूड़ा का कलेक्शन की स्थिति, नाले के गंदे पानी का ट्रीटमेंट, एकत्रित कूड़े का डंपिंग यार्ड में सेगरिगेशन की स्थिति पर अंक निर्धारण करती है। 2024 में गारबेज फ्री सिटी (जीएफसी) स्टार रेटिंग में प्रदेश के 87 में से 77 शहरों ने हिस्सा लिया था। 7-स्टार के लिए रोहतक और करनाल ने आवेदन किया था, जबकि 5-स्टार रेटिंग के लिए गुरुग्राम ने आवेदन किया था। इसके अलावा 3-स्टार रेटिंग के लिए 53 और 1-स्टार के लिए 21 शहरों ने आवेदन किया था।