विधानसभा में गांधी कैंप का मामला फिर उठाते हुए विधायक बी बी बतरा ने सरकार से की दुकान के बदले दुकान देने की मांग
विधायक और स्थानीय निकाय मंत्री गुप्ता हुए आमने-सामने।
रोहतक, गिरीश सैनी। रोहतक के विधायक भारत भूषण बतरा ने गांधी कैंप के पीड़ित परिवारों का मामला मंगलवार को एक बार फिर विधानसभा में तथ्यों के साथ उठाया। उन्होंने हाल ही में सरकार द्वारा 40 हजार रुपये की राहत दिए जाने पर भी सवाल खड़े किए।
विधायक बतरा ने सदन में एलिवेटेड ट्रैक पर सवाल पूछा कि एलिवेटेड ट्रैक को बनाते समय कितने दुकानदार और मकान मालिक विस्थापित हुए हैं और उनके पुनर्वास व मुआवजे की सरकार ने क्या नीति बनाई है। साथ ही न्होंने सवाल किया कि अभी तक विस्थापित दुकानदारों को दुकान एलॉट हुई है या नहीं। विधायक ने पूछा कि सरकार ने नए बाजार के साथ एक 15 फीट की सड़क बनाने की घोषणा की है, उसकी क्या स्थिति है और वह कब तक बनेगी। उन्होंने कहा कि सरकार जो 15 फुट की सड़क निकाल रही है, उसके ऊपर दुकान के बदले दुकान दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी सवाल किया कि बिना जमीन अधिकृत किए टेंडर कैसे लगा दिया गया। विधायक बतरा ने यह सवाल भी उठाया कि गांधी कैंप पुराना बाजार के साथ ओल्ड रेलवे ट्रैक पर जो 30 फुट की सड़क बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने कहा था, 6 साल बीतने पर भी आज तक वहां कुछ नहीं हुआ। वह सड़क कब तक बनेगी।
विधानसभा में बोलते हुए विधायक भारत भूषण बतरा ने कहा कि गांधी कैंप में दुकान के बदले दुकान देने की बात की गई थी। अब जिन लोगों को 40,000 रुपये की राहत देने की बात की गई है, उनके लिए सदन में पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी द्वारा कुछ और ही कहा गया था।
मंत्री कमल गुप्ता पर सदन में भड़के विधायक बतरा ने कहा फाइल पढ़ कर बोलना चाहिए।
सदन में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता द्वारा दिए गए जवाब से असंतुष्ट होते हुए विधायक भारत भूषण बतरा ने कहा कि मंत्री जब सदन में जवाब दें तो उससे पहले फाइल को जरुर पढ़ लें। फाइल में क्या है और वह बोल क्या रहे हैं तथा वह क्या पढ़ रहे हैं, लगता है कि उनकी समझ से परे है। विधायक ने कहा कि एक लाख रुपया, 50हजार रुपये उन लोगो को दिया जाएगा जिनकी 15 फुट की सड़क एक्वायर होगी।
विधायक भारत भूषण बतरा ने बयान जारी करते हुए कहा कि गांधी कैंप मामले में सरकार को अपने वादे पर अमल करना चाहिए। उन्होंने इसे एक बेहद संवेदनशील मामला बताते हुए कहा कि लोगों के दुकान व मकान छिन गए हैं, काम ठप हो गया है, लोग बुरी तरह बेहाल हैं। सरकार को मानवता के आधार पर, जो बात यहां के लोगों से की गई थी, उस पर खरा उतरना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने सदन में इस मामले को उठाया है। सरकार को चाहिए कि स्थानीय लोगों को तुरंत राहत दे।
Girish Saini 

