समाचार विश्लेषण/बीएमडब्ल्यू से बेहतर एक रुपया शगुन ! 

दो परस्पर विरोधी खबरें हैं । पहली राष्ट्रीय महिला हाॅकी टीम कप्तान सविता पूनिया की इंजीनियर अंकित बल्बारा से शादी जिसके शगुन में मात्र एक रुपया ही लिया गया । कितनी सराहनीय पहल ! सविता पूनिया ने अपनी मेहनत से हाॅकी टीम की कप्तान तक का सफर तय किया । बहुत शुरूआत में उसे हमारे ऑफिस लेकर आये थे योगराज शर्मा और देखते देखते सविता हाॅकी टीम की कप्तान तक जा पहुंची । जैसे कल की बात हो ! सविता की मां ने एक बार कहा था कि बेटी ! यदि इतनी लग्न से पढ़ लिख लेती तो आईएएस बन जाती लेकिन सविता ने हाॅकी टीम की कप्तान बन कर मां की यह कसक भी पूरी कर दी ।

समाचार विश्लेषण/बीएमडब्ल्यू से बेहतर एक रुपया शगुन ! 
कमलेश भारतीय।

-*कमलेश भारतीय 
दो परस्पर विरोधी खबरें हैं । पहली राष्ट्रीय महिला हाॅकी टीम कप्तान सविता पूनिया की इंजीनियर अंकित बल्बारा से शादी जिसके शगुन में मात्र एक रुपया ही लिया गया । कितनी सराहनीय पहल ! सविता पूनिया ने अपनी मेहनत से हाॅकी टीम की कप्तान तक का सफर तय किया । बहुत शुरूआत में उसे हमारे ऑफिस लेकर आये थे योगराज शर्मा और देखते देखते सविता हाॅकी टीम की कप्तान तक जा पहुंची । जैसे कल की बात हो ! सविता की मां ने एक बार कहा था कि बेटी ! यदि इतनी लग्न से पढ़ लिख लेती तो आईएएस बन जाती लेकिन सविता ने हाॅकी टीम की कप्तान बन कर मां की यह कसक भी पूरी कर दी ।
अब आइये दूसरी खबर की ओर ! इसमें हिसार के एक डाॅक्टर परिवार पर यह आरोप लगा है कि दूल्हे ने गोवा में ब्याह के फेरे तो ले लिये लेकिन एयरपोर्ट पर दुल्हन छोड़कर भाग निकला ! क्यों ? फरीदाबाद थाने में दर्ज करवाई रिपोर्ट के अनुसार यह मामला इसी वर्ष 26 जनवरी का है । यह शादी मैट्रीमोनियल साइट से तय हुई थी । लड़का नेपाल की एक यूनिवर्सिटी से अभी डाॅक्टरी की पढ़ाई कर रहे है जबकि लड़की एम डी तक शिक्षित है । हिसार के परिवार ने लड़की वालों से सम्पर्क किया और शादी ब्याह से पहले पच्चीस लाख रुपये भी लिये । इसके बावजूद गोवा में सारे खर्च लड़की के परिवार की ओर से किए गये । फिर भी शादी के बाद बीएमडब्ल्यू कार की मांग की । पूरी न होने पर नयी नवेली दुल्हन को एयरपोर्ट पर छोड़कर भाग निकले और दूल्हे की मां पर यह आरोप कि गहनों का बैग भी दुल्हन से छीनकर भाग गयी । मोबाइल स्विच ऑफ और बस सब रिश्ते नाते खत्म ! लो कर लो बात ! अब फरीदाबाद पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज ! रपट करवाई है पिता ने । 
कुछ वर्ष पहले चरखी दादरी में ऐन अंतिम वक्त दुल्हन की विदाई से पहले जब कार की मांग की गयी थी तो साहसी लड़की ने आगे बढ़कर शादी ही तोड़ने का ऐलान कर दिया था ! पत्रकारों को उस लड़की ने कहा थे कि जो लड़के वाले आज कार मांग रहे हैं वे कल क्या क्या मांगेंगे ? जो लड़का आज दहेज का विरोध नहीं कर पा रहा ,वह कल भी परिवार के साथ मिलकर पता नहीं क्या क्या मांगेगा ? इसलिये ऐसे बंधन को पहले क्षण ही तोड़ना अच्छा । 
वो अफसाना जिसे अंजाम तक 
लाना न हो मुमकिन 
उसे एक खूबसूरत मोड़ देकर 
तोड़ना अच्छा ! 
इस तरह आज की ये दोनों खबरें चौंकाने वाली भी हैं और समझाने वाली भी ! शादी की बात सोच समझ कर कीजिए और जो परिवार पहले ही पच्चीस लाख रुपये की मांग कर रहा है और शादी के फेरे होने के बाद महंगी कार मांग रहा है , वह जीवन भर क्या क्या नहीं मांगेगा! हद है भाई मांगने की भी ! क्या कमी थी लड़की में ? जो धन या कार से पूरी की जा रही थी ? क्यों दहेज दानव से लड़कियों का पीछा नहीं छूट रहा ? बेटी पढ़ाओ पर दहेज से कैसे बचाओ ? क्या पढ़ाने और किसी लायक बनाने से ही माता पिता का कर्त्तव्य खत्म नहीं हो जाता ? शायद नहीं ! कानून से भी इसका समाधान नहीं हो पा रहा क्योंकि कोई सुधरने को तैयार नहीं ! यह दहेज की आग कब बुझेगी ?
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।