परंपरा और एकजुटता के साथ डीएलसी सुपवा में मनाया गया ओणम का त्योहार

परंपरा और एकजुटता के साथ डीएलसी सुपवा में मनाया गया ओणम का त्योहार

रोहतक, गिरीश सैनी। दक्षिण भारतीय संस्कृति का जश्न मनाते हुए स्थानीय दादा लखमी चंद राज्य प्रदर्शन एवं दृश्य कला विवि (डीएलसी सुपवा) के नियोजन एवं वास्तुकला संकाय के छात्रों व संकाय सदस्यों ने हर्षोल्लास के साथ ओणम का शानदार उत्सव मनाया।

 

कुलसचिव डॉ. गुंजन मलिक मनोचा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान नियोजन एवं वास्तुकला विभागाध्यक्ष आर्किटेक्ट अजय बाहु जोशी, डीन अकादमिक मामले एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ. अजय कौशिक, प्रॉक्टर महेश टी पी और डीन छात्र कल्याण विनय कुमार सहित वरिष्ठ संकाय सदस्य मौजूद रहे।

 

उल्लेखनीय है कि केरल का फसल उत्सव ओणम, महान राजा महाबली के घर वापसी का स्मरण करता है और समृद्धि, समावेशिता और सद्भाव का प्रतीक है। इसे देश के सबसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक त्योहारों में से एक माना जाता है। छात्रों ने सांस्कृतिक प्रदर्शनों, पारंपरिक नृत्यों द्वारा राजा महाबली की कथा का वर्णन करते हुए और एकता व प्रचुरता के लोकाचार को दर्शाते हुए नाट्य मंचन किया।

 

ओणम खेलों की श्रृंखला में रस्साकशी, पूकलम (फूलों की रंगोली) और रस्सी झूला ने सौहार्द और उत्सवी उल्लास का माहौल बनाया। बाद में संकाय सदस्यों और छात्रों ने पारंपरिक मीठे व्यंजन पायसम का आनंद लिया। उरियाडी (घड़ा फोड़ना), नींबू और चम्मच दौड़ और बोरी दौड़ में संकाय सदस्यों ने छात्रों के साथ मिलकर भाग लिया।

 

कुलसचिव डॉ. गुंजन मलिक मनोचा ने सभी को ओणम की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये सिर्फ़ एक त्यौहार नहीं, बल्कि भारत की समन्वित संस्कृति का उत्सव है जो उत्तर और दक्षिण की परंपराओं को एक सूत्र में पिरोती है। हरियाणा के छात्रों द्वारा केरल की विरासत से जुड़े त्यौहार को इतनी श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाना हमारे छात्रों को विविधता में एकता के लिए प्रेरित करता है।

 

योजना एवं वास्तुकला विभागाध्यक्ष, आर्किटेक्ट अजय बहू जोशी ने कहा कि ऐसे उत्सव हमें विविध संस्कृतियों का सम्मान करने और हमारे शैक्षणिक समुदाय के भीतर सद्भाव के बंधन को पोषित करने के महत्व की याद दिलाते हैं।