87वें दिन भी यूजीसी वेतनमान, सातवें सीपीसी और पदोन्नति की मांग को लेकर सुपवा के प्राध्यापकों का प्रदर्शन जारी

यूजीसी वेतनमान, सातवें सीपीसी और पदोन्नति जैसे मूलभूत अधिकारों की मांग कर रहे डीएलसी सुपवा के प्राध्यापकों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन वीरवार को लगातार 87वें दिन भी जारी रहा।

87वें दिन भी यूजीसी वेतनमान, सातवें सीपीसी और पदोन्नति की मांग को लेकर सुपवा के प्राध्यापकों का प्रदर्शन जारी

रोहतक, गिरीश सैनी। यूजीसी वेतनमान, सातवें सीपीसी और पदोन्नति जैसे मूलभूत अधिकारों की मांग कर रहे डीएलसी सुपवा के प्राध्यापकों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन वीरवार को लगातार 87वें दिन भी जारी रहा।

सुपवा शिक्षक संघ के अध्यक्ष इंद्रनील घोष व उपाध्यक्ष दीपक सिनकर ने कुलपति के बयान पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि शिक्षक लोकतांत्रिक तरीके से शैक्षणिक कार्यों को निपटाने के बाद विमर्श प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिक्षकों से बातचीत के बजाय कुलपति -शिक्षक जितना चाहे आंदोलन करें, जैसे बयान दे रहे हैं। शिक्षकों जितेंद्र शर्मा, विनय कुमार, अजय बाहु, दीप्ति खुराना, केशव कुमार, अजय कुमार, सुधीर तिरंगा, महेश टीपी, अजय यादव, अनिल कुमार ने अचरज जताया कि यह कैसे हो सकता है कि विश्वविद्यालय बनने के बाद चल-अचल संपत्ति तो मर्ज हो जाए, लेकिन विश्वविद्यालय में उच्चतम शिक्षा से योग्यता प्राप्त शिक्षकों को विश्वविद्यालय बनने के बाद भी मर्ज न किया जाए।

कुलसचिव वीपी नांदल के बयान का खंडन करते हुए शिक्षक संघ ने कहा कि विश्वविद्यालय में तमाम तरह की प्रक्रियाओं को धत्ता पहुंचाकर लगातार 65 वर्ष से अधिक आयु के सेवानिवृत्त और गैर विशेषज्ञ लोगों को नियुक्ति दी जा रही है।उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह हरियाणा सरकार और यूजीसी के नियमों की अवहेलना नहीं है? शिक्षक लगातार यूजीसी व एक्ट के अनुसार नियमों से चलने की मांग कर रहे हैं, लेकिन नियमों को ठेंगा दिखाकर शिक्षकों से असंवेदनशील व्यवहार किया जा रहा है। विभागाध्यक्षों की अनुशंसा के बगैर एडजेक्ंट  प्राध्यापकों की भर्ती हो रही है। नियमों को ताक पर रख कर चहेतों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।

शिक्षकों ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा पुनः पद किए गए असिस्टेंट प्रोफेसरों को यूजीसी के अनुसार सैलरी नहीं दी जा रही। प्रोफेसरों को कई वर्षों से ना ही यूजीसी वेतनमान की सुविधा दी जा रही है और ना ही उन्हें पदोन्नत किया जा रहा है। 2011 से कार्यरत प्राध्यापक राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों से प्रशिक्षित है, जबकि गैर प्रशिक्षित लोगों की भर्ती जारी है। विवि  प्रशासन द्वारा लगातार निदेशालय से आए पत्र की अवहेलना हो रही है। उसे लागू करने के लिए सुपवा के शिक्षक प्रदर्शन कर रहे है लेकिन कुलसचिव और कुलपति मांगों का निराकरण नहीं कर रहे। शिक्षकों ने मांग की कि इस मामले की जिम्मेदारी तय कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने अति शीघ्र यूजीसी ग्रेड पे और सातवें वेतनमान को लागू किए जाने की मांग की। संघ ने प्रशासन द्वारा उनकी मांगें पूरी किए जाने तक विमर्श प्रदर्शन जारी रखने की बात कही।