समाचार विश्लेषण/मानसूत्र सत्र में फुहार नहीं बल्कि आरोपों की बौछार आयेगी 

समाचार विश्लेषण/मानसूत्र सत्र में फुहार नहीं बल्कि आरोपों की बौछार आयेगी 
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय 
 संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू । पक्ष और विपक्ष ने कर ली है तैयारी । पक्ष को घेरेगा विपक्ष और मॉनसून सत्र नाम का रहेगा मॉनसून बल्कि इस सत्र में विपक्ष के आरोपों की बौछार आयेगी । अपनी अपनी तैयारी है और अपनी अपनी रणनीति । 

सबसे पहले महंगाई पर चर्चा चलेगी । देखिए महंगाई की मार रसोई गैस सिलेंडर एक हजार के पार हुआ । रसोई में काम करने वाली महिलाएं परेशान हैं । बजट डगमगा गया है। कितनी कम गैस से काम चलायें ? कभी मात्र पांच रुपये गैस सिलेंडर के दाम बढ़े थे तब स्मृति ईरानी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चूडियां भेजी थीं । अब इतना दाम बढ़ गया और लगता है बाजार में से चूडियां बिकनी बंद हो गयीं हैं । स्मृति ईरानी की पुरानी फोटोज वायरल हो रही है । पर वे देखती नहीं हैं ऐसी चीजों को । सत्ता का नशा अलग ही होता है ।

किसान आंदोलन के बाद अग्निपथ आंदोलन भी छिड़ा हुआ है । हरियाणा के युवा भी सेना में काफी संख्या में जाते हैं । सर्वोच्च पदों पर रहे हरियाणा के सेना में भर्ती जवान । खासकर दक्षिण हरियाणा तो सबसे ज्यादा सैनिक देने के लिए जाना जाता है । 

सबसे ज्यादा चर्चा में रहेगीं सरकारी एजेंसियों ईडी और सीबीआई का दुरूपयोग । ईडी तो ऐसा तोता हैं जो सबसे ज्यादा उपयोग किया जा रहा है । साहब की नजर में कोई नेता एक बार खटकना चाहिए , बस ईडी तुरंत उस पर टूट पड़ती है । ईडी के क्या कहने ,,,,,हर चुनाव से पहले विरोधियों पर ईडी छोड़ दी जाती है । कुछ ईडी के डर से सत्ता की शरण लेकर लेते हैं । पश्चिमी बंगाल हो या महाराष्ट्र, या हो पंजाब ईडी ने ईडी ने कर दिया कमाल । रघुपति राघव राजा राम । पंजाब में चुनाव होने से पहले तब मुख्यमंत्री चन्नी के भांजे पर ईडी मेहरबान है गयी थी । इसी प्रकार पश्चिमी बंगाल के चुनाव से पहले ईडी उस राज्य में चल दी थी । अभी ताजा ताजा महाराष्ट्र में संजय राउत के घर मिली थी । इसकी महिमा अनंत है । इसकी कथा अनंता ।
सीबीआई की रेड भी नेताओं के यहां पड़ जाना आभार बात है । पर अब यह ईडी से मात खा रही है । विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने भी नारा दिया कि यदि ईडी और बीसीआई का विरोध न किया तो हालात और बेकाबू होते जायेंगे । पर कौन परवाह करता है जी ?

विपक्ष के पास मुद्दों की कभी नहीं लेकिन विपक्ष को मुद्दे भुनाना नहीं आ रहा । दुखांत है यह । वो इंदिरा गांधी ही थीं जिन्होंने विपक्ष में प्याज की बढ़ते कीमतों से ही सरकार पलट दी थी । अब तो रसोई गैस इतनी महंगी हो गयी लेकिन विपक्ष चुप बैठा है । 

देखिए । मॉनसून सत्र में कैसी बौछार और किसी फुहार आती है ...?

-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।