सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने की जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता

समीक्षा के दौरान रोहतक में धीमी गति से चल रहे विकास कार्यों पर जताई गहरी नाराजगी।

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने की जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता

रोहतक, गिरीश सैनी। स्थानीय जिला विकास भवन में लोकसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा की अध्यक्षता में रोहतक जिले की ‘जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति’ (दिशा) की बैठक में विभागवार योजनाओं की समीक्षा की गई। बैठक में जिले के सभी आलाधिकारी मौजूद रहे।

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने रोहतक के विकास से जुड़े हुए अलग-अलग विषयों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने रोहतक में पानी की किल्लत को प्रमुखता से उठाते हुए अधिकारियों से इसका जल्द समाधान कराने को कहा। सांसद ने कहा कि पूरे इलाके में पानी के लिये हाहाकार मचा हुआ है। बैठक में अधिकारियों ने रोहतक जिले के लिए 1600 क्यूसेक पानी की आवश्यकता बताई, जबकि उपलब्धता लगभग एक चौथाई यानी 300-400 क्यूसेक ही है। इसके अलावा गांवों में सिंचाई के लिए जितना पानी मिलना चाहिए था वो नहीं मिल रहा है, कहीं और डाइवर्ट किया जा रहा है। दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग की कि जो पानी उपलब्ध है उसमें हमारे क्षेत्र का जितना पानी का अधिकार बनता है वो मिलना चाहिए। इस दौरान राज्य सभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा, विधायक बीबी बतरा, विधायक शकुंतला खटक, विधायक बलराम दांगी व मेयर रामअवतार वाल्मिकी मौजूद रहे।

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि 13 जनवरी 2025 को हुई दिशा मीटिंग में विकास कार्यों की समय सीमा तय हुई थी, उसमें से अधिकांश काम अभी भी लटके हुए हैं, जो कतई स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगली दिशा बैठक तक सारे लंबित कार्य पूरे कराए जाएं। धीमी गति से चल रहे विकास कार्यों पर गहरी नाराजगी जताते हुए सांसद ने अधिकारियों से कहा कि विकास कार्यों को पूरा करने के लिए समय सीमा निर्धारित करें और तय समय में विकास के काम पूरे कराएं।

इस बैठक में सांसद दीपेंद्र हुड्डा के सामने अमृत योजना पार्ट-2 का प्रपोजल रखा गया, लेकिन उन्होंने अमृत योजना पार्ट-1 में तत्कालीन भाजपा सांसद व मौजूदा कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविन्द शर्मा द्वारा लगाए गए 300 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपों की जांच की मांग करते हुए कहा कि पहले अमृत योजना पार्ट -1 में हुए 300 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच करायी जाए। अगली मीटिंग में अमृत योजना पार्ट -1 के तहत कहां सीवर लाईन व कहां पानी की लाईन डाली गयी, इसका पूरा नक्शा दिया जाए। उन्होंने पीजीआई में 50 करोड़ रुपये के वेतन घोटाले की गहनता से जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि दोषियों पर कार्रवाई हो।