दोआबा कालेज में गर्वमैंट स्कूल टीर्चस का मैंटोरिंग प्रोग्राम आरंभ

दोआबा कालेज में गर्वमैंट स्कूल टीर्चस का मैंटोरिंग प्रोग्राम आरंभ
दोआबा कालेज में आयोजित मैंटोरिंग प्रोग्राम में प्रि. डा. प्रदीप भंडारी, डॉ. राजीव कुमार गर्ग, डॉ. आशिश अरोड़ा, डॉ. राजीव खौसला व डॉ. मनजीत कौर उपस्तिथि को स6बोधित करते हुए।

जालन्धर, 10 फरवरी, 2023: दोआबा कॉलेज की दिशा कमेटी द्वारा एससीईआरटी पंजाब के सहयोग से ४ दिवसीय गर्वमैंट स्कूल टीर्चस के मैंटोरिंग प्रोग्राम का आरंभ कालेज के सैमीनार हॉल में विधिवत रूप से किया गया जिसमें डॉ. राजीव कुमार गर्ग- एनआईटी जालन्धर, डॉ. आशीश अरोड़़ा- स्कूल ऑफ बिजनैस स्टडीज, जीएनडीयू, डॉ. राजीव खोसला-विभागाध्यक्ष बायोटैकनोलोजी विभाग व डॉ. मनजीत कौर-डीएवी यूनिवर्सिटी बतौर रिर्सोस पर्सन उपस्थित हुए जिनका हार्दिक अभिनन्दन प्रि. डॉ. प्रदीप भंडारी, डॉ. ओमिन्द्र जौहल- प्रोग्राम कोआर्डिनेटर, प्रो. सुखविंदर सिंह, डॉ. सुरेश मागो व १२० गर्वमैंट स्कूल टीचर ने किया । 

प्रिं. डॉø प्रदीप भंडारी ने मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि प्राध्यापक देश के निर्माता होते हैं जो कि सदैव ज्ञान, जीवन मूल्यों व शिक्षा का प्रसार व प्रचार कर विश्व को रहने योग्य बनाने के लिए अनथक प्रयास करते हैं ताकि विद्यार्थी समाज में साकारात्मक भागीदारी कर सके । 

डॉ. राजीव कुमार र्गग ने अपने व्या2यान में स्ट्रैस एवं टाईम मैनेजमैंट पर चर्चा करते हुए विभिन्न तौर तरीकों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया जिनसे कि विद्यार्थी व प्राध्यापक अपने जीवन व कार्यक्षेत्र में स्ट्रैस व टाईम को बाखूबी मैनेज कर सकते हैं । उन्होंने विभिन्न प्रकार के स्ट्रैस जैसे कि इमोश्नल, फिजिकल, इंटेलैकचुयल व बिहावोरियल स्ट्रैस के कारणों व उनसे निदान पाने के उपायों के बारे में बताया । 

डॉ. आशिश अरोड़ा ने इफैकिटव क6युनिकेशन मॉडलस व प्रॉ4लम सोल्विंग सोलूशन के बारे में जानकारी देते हुए विभिन्न केस स्टडी•ा की उदाहरणे देते हुए उन तकनीकों का जिकर किया जिससे कि प्राध्यापक अपने विद्यार्थियों के साथ बेहतर ताल-मेल व समन्वय स्थापित कर सकता है । उन्होंने प्राध्यापकों को विद्यार्थियों के सामूहिक विकास के लिए मैंटोरिंग प्रोग्रामस बनाने व चलाने के लिए प्रेरित किया जिससे कि विद्यार्थी समय रहते अपने बढिय़ा कैरियर बना सके । 

डॉ. राजीव खौसला ने इनोवैटिव टीचिंग व लर्निंग मैथड विषय पर बोलते हुए कहा कि प्राध्यापकों और विद्यार्थियों को सदैव कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए ताकि उनके निरंतर विकास की प्रक्रिया चलती रही और वह एक दूसरे के साथ २१वीं सदी की इस्तेमाल में लाई जा रही विभिन्न टै1नोलॉजी की सहायता से ज्ञान का आदान-प्रदान स्टीकता से कर सके । उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की सही ग्रूमिंग इंटरडिस्पलनरी अप्रोच द्वारा ही किया जा सकता है। 
डॉ. मनजीत कौर ने चाईल्ड साईकोलॉजी-प्रिकोविड व पोस्ट कोविड विषय पर चर्चा करते हुए चाईल्ड साईकोलॉजी के बारे में बताते हुए कहा कि कोविड काल के दौरान विद्यार्थियों की मानसिकता पर बहुत नाकारात्मक प्रभाव पड़े थे जिसकी वजह से विद्यार्थियों को घर में बैठ कर ऑन लाईन लर्निंग के मोड को अपनाना पड़ा था जिनसे उनकी सोशल लाईफ व मानसिक विकास पर बहुत प्रभाव पड़ा था । उन्होंने कहा कि अब यह प्राध्यापकों की जि6मेदारी बनती है कि वह विद्यार्थियों को अब नार्मल व रैगुलर ऑफ लाईन टीचिंग प्रक्रिया में वापिस ले आएं ताकि उनका सही मानसिक विकास हो सके । इस दौरान प्रश्नोत्तर काल में प्राध्यापकों ने अपनी शंकाओं में पर स्वाल पूछ पर अपनी जिज्ञासा को शांत किया । 

प्रिं. डॉ.प्रदीप भण्डारी व टीम डीसीजे ने सभी रिसोर्स पर्सनस को स6मान चिह्न देकर स6मानित किया ।