अप्रेंटिसशिप-आधारित डिग्री प्रोग्राम शुरू करने के लिए एमडीयू ने बीओएटी (उत्तरी क्षेत्र) के साथ एमओयू किया

रोहतक, गिरीश सैनी। भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में एमडीयू, रोहतक ने भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त निकाय, अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण बोर्ड (उत्तरी क्षेत्र), कानपुर के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
यह समझौता ज्ञापन राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) के तहत अप्रेंटिसशिप-आधारित डिग्री प्रोग्राम (एईडीपी) के कार्यान्वयन को सुगम बनाता है। ये कार्यक्रम विवि अनुदान आयोग के 2025 दिशानिर्देशों के अनुरूप हैं और स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम में ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण को एकीकृत करते हैं।
इस कार्यक्रम में विनीत जोशी, सचिव, उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, संजय कुमार, सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय; और गोविंद जायसवाल, संयुक्त सचिव, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की गरिमामयी उपस्थिति रही।
एमडीयू की ओर से कुलसचिव डॉ. कृष्णकांत ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान कुलपति प्रो. राजबीर सिंह सहित निदेशक जनसंपर्क प्रो. आशीष दहिया और प्रो. संतोष तिवारी भी मौजूद रहे। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि अप्रेंटिसशिप-आधारित डिग्री प्रोग्राम उच्च शिक्षा का भविष्य हैं, और एमडीयू विद्यार्थियों के समग्र विकास और रोजग़ारपरकता के लिए इन कार्यक्रमों को दृढ़ता से बढ़ावा देगा।
इस एमओयू के तहत अपने डिग्री कार्यक्रमों के अंतिम चरण में छात्र प्रशिक्षु अधिनियम, 1961 और प्रशिक्षुता नियम, 1992 के अनुसार वजीफा प्रशिक्षुता सहायता के पात्र होंगे। बीओएटी (एनआर) उद्योग साझेदारी को सुगम बनाएगा तथा एनएटीएस टू प्वाइंट जीरो पोर्टल के माध्यम से कार्यान्वयन का प्रबंधन करेगा और पूरा होने पर दक्षता प्रमाणपत्र जारी करेगा। प्रारंभ में समझौता ज्ञापन में दो प्रमुख कार्यक्रम शामिल होंगे- आतिथ्य एवं सेवा प्रबंधन में बीबीए और पर्यटन, यात्रा एवं प्रबंधन में बीबीए।