मलयालम फ़िल्म निर्माता जी. सुरेश कुमार और यूएई विवि के पूर्व कुलपति प्रो. ग़ालिब अलहद्रामी ने किया सुपवा का दौरा

मलयालम फ़िल्म निर्माता जी. सुरेश कुमार और यूएई विवि के पूर्व कुलपति प्रो. ग़ालिब अलहद्रामी ने किया सुपवा का दौरा

रोहतक, गिरीश सैनी। संयुक्त अरब अमीरात विवि (यूएईयू) के पूर्व कुलपति प्रो. ग़ालिब अलहद्रामी और प्रसिद्ध मलयालम अभिनेता और निर्माता जी. सुरेश कुमार ने सोमवार को स्थानीय दादा दादा लखमी चंद राज्य प्रदर्शन एवं दृश्य कला विवि (डीएलसी सुपवा) के कुलपति डॉ. अमित आर्य से मुलाकात की। इस दौरान दोनों पक्षों ने शैक्षणिक एवं रचनात्मक सहयोग के अवसरों को तलाशा।

 

मलयालम सिनेमा के एक प्रतिष्ठित नाम, जी. सुरेश ने ज्ञानवर्धक आदान-प्रदान और फिल्म एवं टेलीविजन संकाय के प्रशिक्षण अध्यापन में गहरी रुचि दिखाई।

 

कुलसचिव डॉ. गुंजन मलिक मनोचा और संकाय प्रमुखों के साथ, कुलपति डॉ. अमित आर्य ने अतिथियों को विवि परिसर का व्यापक दौरा कराया और डिजाइन, वास्तुकला और फिल्म एवं टेलीविजन के संकायों में अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, स्टूडियो और कार्यशालाओं की जानकारी दी।

 

फिल्म एवं टीवी विभाग के छात्रों के साथ बातचीत करते हुए, जी. सुरेश ने उन्हें "वैश्विक रूप से सोचते हुए क्षेत्रीय और स्थानीय कथाओं में निहित रहने" के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय सिनेमा की अपनी एक आत्मा होती है, जिसमें लोगों की कहानियाँ, बोलियाँ और सपने समाहित होते हैं।

 

प्रो. ग़ालिब अलहद्रामी ने सुपवा के साथ शैक्षणिक और रचनात्मक साझेदारी बनाने के बारे में आशा व्यक्त की करते हुए कहा कि यहां फिल्म, डिज़ाइन और प्रदर्शन कला के क्षेत्र में सहयोग की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि यूएई और सुपवा के बीच शैक्षणिक आदान-प्रदान, संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम और सांस्कृतिक परियोजनाओं को विकसित करने के लिए तत्पर हैं।

 

कुलपति डॉ. अमित आर्य ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विवि की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय भागीदारी पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस यात्रा को शिक्षा, संस्कृति और रचनात्मक उद्यम को मिलाने वाले अंतरराष्ट्रीय सहयोग के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

 

कुलसचिव डॉ. गुंजन मलिक मनोचा ने कहा कि ऐसी साझेदारियां संयुक्त उपाधियों, छात्र आदान-प्रदान और सिनेमा के माध्यम से संस्कृतियों को जोड़ने वाले सहयोगी निर्माणों का मार्ग प्रशस्त करेगी। प्रो. गालिब और जी. सुरेश कुमार ने आशा व्यक्त की कि यह सहयोग जल्द ही एक औपचारिक साझेदारी में तब्दील होगा, जो भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच अंतर-सांस्कृतिक शिक्षा और सिनेमाई सहयोग को बढ़ावा देगा।