समाचार विश्लेषण/कांग्रेस हाईकमान: जिसका एक ही कान 

समाचार विश्लेषण/कांग्रेस हाईकमान: जिसका एक ही कान 
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय 
कैसी है यह कांग्रेस हाईकमान हाय ...
नवजोत को हंसाये, कैप्टन अमरेंद्र को रुलाये....यह काम नहीं हाईकमान का । समाधान नहीं निकाला पंजाब की समस्या का बल्कि दरार और बढ़ा दी क्योंकि कैप्टन अमरेंद्र सिंह को सुनने या उनकी कही बात समझने की जरूरत ही नहीं समझी । सिर्फ उस कान से सुना जिससे नवजोत सिंह बोलने आते थे और दूसरे कान को बंद रखा जिससे कैप्टन अमरेंद्र सिंह अपनी बात कह रहे थे या कहना चाह रहे थे । ऐसे तो पंजाब के आने वाले विधानसभा चुनाव कैसे जीतोगे? यही रणनीति है तो बुरी तरह फेल है । जब पंजाब प्रदेश कांग्रेस को ही एकजुट न कर सके तो जीतने की उम्मीद कैसे ? 
कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने चिट्ठी लिखी जिसे पढ़ने की जहमत भी नहीं उठाई कांग्रेस हाईकमान ने । दूसरे लोगों ने पढ़ी । न मिलीं सांसदों से और न ही मिलने की जरूरत समझी । बस , अपना फैसला सुनाया बल्कि थोप दिया पंजाब पर । अब थोपने से क्या  सब कुछ ठीक हो गया? 
माना कि नवजोत सिद्धू एक लोकप्रिय चेहरा हैं पर राजनीति के नहीं -कपिल शर्मा शो और क्रिकेट जगत के । जब चुनाव थे और ये नवजोत महोदय पैसे कमाने बिग बाॅस के शो में बैग कंधे पर लटका कर निकल गये थे । यह प्रतिबद्धता है इनकी पार्टी के प्रति । अभी पार्टी में विवाद चल रहा था और ये महाश्य आप पार्टी के कसीदे पढ़ रहे थे । यह है नवजोत की अवसरवादिता । आब यह शख्स सिखायेगा कि पार्टी के प्रति वफादार रहो । बिजली बिलों और गुरुवाणी की बेअदबी की बात इतनी विपक्ष ने नहीं उछाली जितनी नवजोत ने और यह नेता सिखायेगा कि पार्टी की सरकार को सही सहयोग दो जैसा इन्होंने दिया और कांग्रेस हाईकमान को देखिए कि बिना दूसरा कान खोले और कुछ सुने नवजोत को पंजाब प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने में देर नहीं लगाई । बेशक यह कहा गया कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने सहर्ष हाईकमान के फैसले को स्वीकार कर लिया है और जिस सार्वजनिक माफी की मांग की , वह कहां रह गयी?
क्या हुआ तेरा वादा 
वो कसम, वो इरादा ....
कांग्रेस हाईकमान को यह एक कान से सुनना बहुत महंगा पड़ता आ रहा है और महंगा पड़ता रहेगा ...
यह चेतावनी मेरी नहीं।  कांग्रेस जनों की है । फिर चाहे वे पंजाब के हों या हरियाणा के । हरियाणा में भी एक कान बंद कर रखा है और शायद राजस्थान में भी । कान खोलो और आंखें खोलो हाईकमान और देखो कि क्या हो रहा है और आप कैसे फैसले किये जा रही हो....