समाचार विश्लेषण/आपके साथ ये नजदीकियां क्या रंग लायेंगी?

समाचार विश्लेषण/आपके साथ ये नजदीकियां क्या रंग लायेंगी?
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय 
हमारे भारतीय क्रिकेट टीम के सितारे, कपिल शर्मा के शो के पूर्व जज और पंजाब कांग्रेस में नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने आजकल आप पार्टी के साथ अपनी नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी हैं । उनके नेताओं के साथ पुराने प्रेम भरे वीडियोज भी शेयर करने शुरू कर दिये हैं । और तो और आप पार्टी की तारीफ करनी भी शुरू कर दी है । ये नजदीकियां क्या रंग जायेंगी पंजाब की राजनीति में ? 
पिछले लगभग दो माह से नवजोत सिद्धू व पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह के बीच पहले शीत युद्ध चल रहा था और अब ज्वालामुखी विस्फोट हो चुका है । नवजोत सिद्धू बहुत उतावले नज़र आ रहे हैं । दिल्ली में कभी राहुल गांधी तो कभी प्रियंका गांधी से मिलने जाते हैं और उम्मीद लगाते हैं कि पंजाब वापस पहुंचने से पहले कोई धमाका हो चुका होगा पर जब कांग्रेस में वही पुरानी शांति दिखती है तो फिर आप पार्टी की तारीफ करने में लग जाते हैं जबकि हरीश रावत कह चुके हैं कि दो तीन में फैसला हो जायेगा इनके विवाद का । फिर भी सिद्धू बहुत उतावले हो रहे हैं कि अगली गेंद कब खेलने को मिलेगी? 
जब पिछले चुनाव में भाजपा छोड़ने की तैयारी में थे तब भी आप और कांग्रेस के बीच झूलते रहे थे और आखिर कांग्रेस का हाथ थाम लिया था । मंत्री भी बना दिये गये और मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह के प्रति आदर भी जताया लेकिन कुछ समय बाद सुर बदलने शुरू हुए और ऐसे बिगड़े कि कैप्टन ने इनके बयानों और बातों के कारण मंत्रिम॔डल में बनाये रखने का कोई औचित्य न समझा और ये भी अपनी ऐंठ में मंत्रिपद से इस्तीफा देकर बाहर आ गये । तब से इन्हें सूझ नहीं रहा कि अब वापसी की कोई उम्मीद कैसे करें और कहां से करें ? जिस तरह से आप पार्टी की तारीफ शुरू की है, साफ लगता है कि उधर प्रेम पींग बढ़ाने का इरादा है । भाजपा में वापसी नहीं । पिछली बार भी आप में जाते जाते अचानक कांग्रेस में शामिल हो गये थे । अब भी कहीं ऐसा न हो कि आप में जाते जाते भाजपा में में पहुंच जायें । 
वैसे ऐसे नेता को लेकर कोई भी पार्टी क्या मजबूत होगी या मजबूत मानेगी अपने आपको ? जो न उनका है , न सामने वाले का ? तो ऐसे नेता के खिलाफ तो अनुशासनात्मक कार्यवाही होनी चाहिए न कि मनुहार कि नहीं हमारी पार्टी में ही रहो या हमारी पार्टी मे चले आओ । हम तो एक गीत को पंक्तियां कहेंगे : 
लग जा गले कि फिर ये हंसी कांग्रेस
मिले न मिले 
शायद इस जन्म में मुख्यमंत्री बनने का 
ख्वाब पूरा हो न हो ...