कुछ योगा , कुछ अध्यात्म तो कुछ अपने वीडियोज की तैयारी : राधिका चोपड़ा 

लोकप्रिय गज़ल गायिका राधिका चोपड़ा के साथ कमलेश भारतीय की एक इंटरव्यू

कुछ योगा , कुछ अध्यात्म तो कुछ अपने वीडियोज की तैयारी : राधिका चोपड़ा 
राधिका चोपड़ा ।

लगभग दो साल पहले मेरे प्यारे साहिल दहिया ने एक गज़ल का वीडियो भेजा वाट्स अप पर । आमतौर पर मैं वीडियोज कम ही खोलता हूं । पर उस दिन शाम का समय था और गज़ल का इससे बेहतर कोई समय नहीं होता । मैंने वीडियो चला लिया । वह गज़ल राधिका चोपड़ा की मधुर आवाज़ में थी ।पुरानी फिल्म की एक गज़ल । बहुत प्रभावित हुआ । फिर वह असली गज़ल और फिल्म का पूरा वह भाग मुझे हिसार दूरदर्शन के पहले डायरेक्टर एस एस रहमान ने भेजा । दोनों को सुनकर लगा कि हां , राधिका चोपड़ा में कुछ अलग बात है । जिसने पुरानी गज़ल को गाते हुए भी मौलिकता बनाए रखी ।  यह भी कि वे खुद एक खूबसूरत गजल जैसी खूबसूरत हैं ऊपर वाले की कृपा से । तब मैंने राधिका चोपड़ा को फेसबुक पर सर्च किया और आखिर अपनी मित्रमंडली में जोड़ कर ही दम लिया ।  तब जान पाया कि वे कितनी लोकप्रिय गज़ल गायिका है देश की । संभवतः जगजीत सिंह के बाद वे लोकप्रियता के पायदान पर आती हैं । मैसेंजर में लिखा कि आपका इंटरव्यू करने की बहुत इच्छा है । इंटरव्यू क्या कि आपको जानने की इच्छा है । संदेश मिलता कि अभी यहां तो कभी वहां प्रोग्राम हैं । संदेश मिलता कि अभी देश तो कभी विदेश में प्रोग्राम हैं । ऐसे ही समय बीतता गया । इन दिनों अचानक कोरोना के लाॅकडाउन के चलते मैंने मैसेज डाला कि अब तो आप भी कहीं नहीं जा रही होंगी क्योंकि सभी की गतिविधियां स्थगित हैं तो मेरी चाह पूरी कीजिए । फिर जो व्यक्ति या प्रशंसक एक वर्ष की साधना कर चुका हो उसे कुछ फल तो मिलना हो चाहिए । संदेश में हां आई और समय आया कि इस समय नियत दिन पर बात होगी । यह भी लगा कि कोई छोटा हो या बड़ा सब सपने पूरे होते हैं । बस । लगे रहिए । आखिर पहला सवाल यही था
 - आप जो इतनी बेहद व्यस्त रहती थीं वे अब यह कोरोना काल कैसे बिता रही हैं ?
-जी कमलेश जी । मैं कुछ रियाज करती हूं , कुछ योगा , कुछ अध्यात्म में डूब जाती हूं तो थोड़ा गृहिणी बन कर पका भी देती हूं । सबसे ऊपर मेरा एक वीडियो शो है - गज़ल की कहानी , मेरी जुबानी , इसके लिए रिसर्च वर्क का बढ़िया समय मिल गया है मुझे । इस तरह घर में रहना भी अच्छा लग रहा है । परिवार के साथ समय बिताने को मिल रहा है  ।
-आपके प्रिय गज़ल गायक कौन ?
-मेहंदी हसन , बेगम अख्तर और जगजीत सिंह साहब । इन सबकी गायकी से बहुत कुछ सीखा और सीखती रहती हूं । 
-शिक्षा दीक्षा कहां कहां हुई ?
-जम्मू के केंद्रीय विद्यालय से और फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी से संगीत की शिक्षा ली ।
-माता पिता और शादी के बाद कोई बंधन या रोक ?
-जी नहीं । कमलेश जी । दोनों तरफ से बहुत ही प्रोत्साहन व माहौल मिला ।
-आपने संगीत का प्रशिक्षण किनसे लिया ?
- पंडित जे पी शर्मा जम्मू में मेरे पहले गुरु रहे जिनसे ठुमरी, दादरा और गजल के मंत्र मिले । फिर पद्मश्री शांति हीरानंद जी ने मुझे निखारा ।शादी से पहले और बाद में दोनों परिवारों का भरपूर प्यार और प्रोत्साहन मिला । इसी कारण जम्मू से बढ़कर सारे देश में मुझे पहचान और प्यार मिला ।
-विदेशों में भी आपके कार्यक्रम होते हैं । किन किन देशों में प्रोग्राम दे चुकीं ?
-यह मेरी खुशकिस्मती है कि देश के बाहर भी मुझे प्रशंसक मिले जो बुलाते हैं लाइव शोज के लिए । कलाकार को और क्या चाहिए ? अभी तक इंग्लैंड , अमेरिका , आस्ट्रेलिया , दुबई , पाकिस्तान , बहरीन , ओमान , इंडोनेशिया , थाईलैंड, सूरीनाम आदि देशों में प्रोग्राम करने के लिए आमंत्रित किया गया । बहुत प्यार दिया मेरे फैंस ने । दिल से आभारी हूं इनकी ।
-नयी गज़ल गाने वाली पीढ़ी को क्या मंत्र देंगीं आप ?
- नयी पीढ़ी हमसे तकनीक में बहुत आगे है । कोई सुझाव  की जरूरत नहीं । लेकिन इतना कह सकती हूं कि शास्त्रीय संगीत का ज्ञान और उर्दू का शुद्ध उच्चारण जरूर सीखिए । मैं खुशकिस्मत रही कि मेरा जन्म ही जम्मू में  हुआ जिसके चलते मेरी जुबान ही उर्दू रही । स्वाभाविक ही उर्दू जुबान मिली । पहले उर्दू की समझ , फिर शायरी के लिए दिल और रूचि होना बहुत जरूरी समझती हूं । यही मेरा कहना है । कोई मंत्र नहीं । बहुत शुभकामनाएं नयी पीढ़ी को ।