मीडिया लेखन में अपार संभावनाएं हैः प्रो जी.आर. सैयद

मीडिया लेखन में अपार संभावनाएं हैः प्रो जी.आर. सैयद

हिसार, गिरीश सैनी। 'सिर्फ इक कदम उठा था गलत राह-ए-शौक में, मंजिल तमाम उम्र मुझे ढूँढती रही'। यानी समय रहते हमें अपने लक्ष्य के बारे में सोच लेना चाहिए और मंजिल पर पहुंचने के लिए उचित कदम उठाना चाहिए।  ये शब्द अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सेवानिवृत प्रो जी.आर. सैयद ने गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित विशेष व्याख्यान के दौरान कहे। उन्होंने कहा कि मीडिया लेखन में अपार संभावनाएं हैं और विद्यार्थियों को अपनी रुचि के हिसाब से अपनी पहचान बनानी चाहिए।

प्रो सैयद टेलीविजन के चर्चित धारावाहिक महाभारत के लिए स्क्रिप्ट राइटिंग का काम कर चुके हैं। उन्होंने साहित्य अकादमी से प्रकाशित गीता का उर्दू अनुवाद भी किया है। प्रो सैयद ने पत्रकारिता के विद्यार्थियों को मीडिया लेखन के संबंध में टिप्स देते हुए कहा कि मीडिया के लिए विषय को समझना और उस पर अच्छे से शोध करके काम करना ही आपको कामयाब बना सकता है। अगर विद्यार्थी अच्छा लिखते हैं तो किसी भी फिल्म या टीवी सीरियल में काम मिलना मुश्किल नहीं।

जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रो मनोज दयाल ने कहा कि मीडिया लेखन की कला में शब्दों की अपनी महिमा है। मीडिया लेखन में शब्दों का प्रस्तुतीकरण व आयोजन महत्वपूर्ण होता है। प्रो विक्रम कौशिक ने आभार व्यक्त किया। इस दौरान डॉ. एम.आर. पात्र, डॉ. कुसुम लता, डॉ. भूपेंद्र सिंह, डॉ. प्रज्ञा कौशिक, अजीत सिंह सहित शोधार्थी व विद्यार्थी मौजूद रहे।