समाचार विश्लेषण/पहली बेटी हूं , आखिरी बेटी नहीं 

समाचार विश्लेषण/पहली बेटी हूं , आखिरी बेटी नहीं 
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय 
एक भारतीय बेटी कमला हैरिस ऐसी पहली महिला है जो अमेरिका की उपराष्ट्रपति बनीं । ऐसा इतिहास रचने के बाद कमला हैरिस ने बहत प्रेरक बात कही -हर बेटी यह जान ले कि मैं अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति हूं , आखिरी नहीं । कितना पाॅजिटिव मैसेज । कितना उत्साह और कितनी उमंग । भारतीय मां की अमेरिकी संतान ने यह भी कहा कि मां जब भारत से अमेरिका आईं तो सोचा भी नहीं होगा कि बेटी उपराष्ट्रपति बनेगी । मैं अपनी मां श्यामला हैरिस को सबसे पहले याद कर रही हूं जो जब अमेरिका आईं तो सिर्फ 19 साल की थीं । वो हमेशा मेरे दिल में रहती है । फिर भी मेरी मां दिल की गहराइयों से जानती थी कि अमेरिका में ऐसा जरूर हो सकता है और यह हुआ । मैं तमाम अश्वेत महिलाओं के बारे में सोच रही हूं । जिनकी पीढ़ियां अमेरिकी इतिहास में खप गयीं । आज मैं उन तमाम महिलाओं के संघर्ष , सोच और मजबूत इरादों के प्रतिबिम्ब के रूप में आपके सामने हूं । ये है भारतीय बेटी के गहरे विचार , गहरी सोच । महत्त्वाकांक्षाओं के ख्वाब देखिए, दृढ़ता से आगे बढ़िए और खुद को इस तरह देखिए कि जैसा कोई और आपको देख नहीं पाया । सच । यह कितना बड़ा दर्शन , कैसा प्यारा विचार । हर कदम पर आपका उत्साह इन विचारों से बढ़ेगा । हमें महामारी से लड़ना है और अर्थव्यवस्था से भी । काश हमारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण जी इस बात को सुनें और ग्रहण करें । भारतीय बेटी ने गौरव और गर्व से हमारा सिर विश्व में ऊंचा कर दिया । 
दूसरी ओर भारतीय माता पिता की बेटी मारिया थट्टिल यूनिवर्स आस्ट्रेलिया बनीं और वे भी कह रही हैं कि मेरे भारतीय पारिवारिक मूल्यों ने ही मेरी पहचान एक भारतीय , आस्ट्रेलियाई महिला की बनाई है । मारिया की मां कोलकाता से हैं तो पिता केरल से । दोनों सन् 1990 के दशक में मेलबोर्न आ गये और मारिया की पैदाइश मेलबोर्न की है । माता पिता ने मुझे भारतीय माहौल के साथ वेस्टर्न कल्चर अपनाने को पूरी छूट दी । भारत यात्रा पर वे जब आठ साल की थीं तब आईं थीं मां बाप के साथ । लाजवाब खाने की तारीफ की । यह दो संस्कृतियों का मिलन है जो मुझे मिस यूनिवर्स तक ले आया । पहले मैं भारतीय संस्कृति छोड़ना चाहती थी लेकिन अब लगने लगा है कि यह सोच व्यर्थ है । मुझमें पूर्व और पश्चिम दोनों का समावेश है । मैंने सकारात्मकता के साथ हर मुश्किल का सामना किया । 
चाहे कमला हैरिस हो या मारिया दोनों ने भारतीय संस्कृति के गुण गाये हैं और हमें गर्व प्रदान किया है । भारतीय युवतियों को एक संदेश  दिया है कि पश्चिम को चाहे अपनाओ लेकिन भारतीय संस्कृति को भुलाओ नहीं । बस । यही कहने को जी चाहता है 
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी ....