लघुकथा /जन्मदिन 

लघुकथा /जन्मदिन 
कमलेश भारतीय।

छोटे भाई की छोटी बेटी मन्नू हमारे पास आई हुई थी । एक सुबह नाश्ते पर कहने ली - बड़ी मां , मेरी एक बात सुनेगी ? 
-कहो बेटे । कहो । पत्नी ने पुचकारते हुए कहा । 
-आज मेरा जन्मदिन है । मनाओगी ? 
बड़ी बड़ी आंखों से मन्नू ने बड़ा सवाल किया । 
-मनायेंगे । मनायेंगे क्यों नहीं ? 
पत्नी ने चहकते हुए कहा । 
-केक बनवायेंगे ? 
-हां । हां । बेटी क्यों नहीं ? 
-मोमबत्तियां जलायेंगे ? कुछ मेहमान भी बुलायेंगै ? 
-हां । बेटी । हां । 
-गिफ्ट भी मिलेंगे ? 
- हां । बेटी । पर तुझे शक क्यों हो रहा है ? 
-बड़ी मां । मेरा जन्मदिन कभी नहीं मनाया जाता ।इसलिए । डैडी मेरे भाई का जन्मदिन तो धूमधाम से मनाते हैं पर मेरा जन्मदिन भूल जाते हैं । आप कितनी अच्छी हैं । मेरी प्यारी अम्मा । 
मेरी पत्नी की आंखों में आंसू थे और वह कह रही थी कि बेटी तू हर साल आया कर । हम तेरा जन्मदिन मनाया करेंगे । 
मन्नू की आंखों में आंसू इन्द्रधनुष के रंगों में बदल गये थे । 
-कमलेश भारतीय