हिमाचल : राजनीतिक उठा पटक का संकट

हिमाचल : राजनीतिक उठा पटक का संकट

# कमलेश भारतीय
हिमाचल में राजनीतिक उठा पटक का संकट दूसरे दिन भी जारी रहा । पहले दिन जहाँ भाजपा का हाथ ऊपर रहा, वहीं कल कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा । अभी यह खेल कुछ दिन और जारी रहने की आशंका जताई जा रही है। कांग्रेस के वे छह विधायक कल चंडीगढ़ से शिमला आये जरूर लेकिन फिर उलटे पांव वापस चंडीगढ़ ही लौट गये। हां, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के  बेटे व मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफा वापस ले लिया लेकिन नाराजगी नहीं छोड़ी । मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के इस्तीफा देने की खबर चलने लग गयी थी, तब वे सामने आये और कहा कि मैंने इस्तीफा नहीं दिया । यह फेक न्यूज़ चलाई जा रही है । मैं योद्धा हूँ और योद्धा की तरह आखिरी दम तक लड़ूंगा । यह स्पिरिट अच्छी है । 
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व हिमाचल कांग्रेस के प्रभारी भूपेंद्र सिंह हुड्डा व डी के शिवकुमार भी हिमाचल पहुंच चुके हैं और कांग्रेस विधायकों के साथ विचार विमर्श कर उनकी राय ले रहे हैं । यह भी राय ले रहे हैं कि यदि सुक्खू नहीं तो फिर दूसरा कौन मुख्यमंत्री हो सकता है ! 
खैर ! कांग्रेस ने कल भाजपा के पंद्रह विधायकों को विधानसभा से बाहर कर दिया और बजट पारित कर लिया। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कह रहे हैं कि यह कदम सही नहीं। अब यह तो जानते ही होंगे कि राजनीति और जंग में सब कुछ जायज होता है और आज राजनीति तो महाभारत के दिनों जैसी चल रही है, जिसमें साम, दाम, दंड और भेद सब तरीके उपयोग किये जा रहे हैं । फिर इसमें क्या एतराज और क्यों? यह खेल है और इसमें दोनों पक्षों को पूरी छूट है । खेलिए और अपनी अपनी चालें चलिए । ‌जनता खेल‌ देख रही है । दम साधे कि खिलाड़ी कौन तगड़ा है, देखने के लिए कुछ। प्रियंका गाँधी ने भी दुख व्यक्त किया है कि राजनीतिक आघात किया गया कांग्रेस पर और इसकी सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचा जा रहा है । अखिलेश यादव कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में हमारे विधायकों पर दबाब बनाया गया और लालच दिया गया और इस तरह यह खेला हुआ । राजनीति एक खेला भर ही तो रह गयी है । 
राजनीति है खेल
कोई पास, कोई फेल!