12वीं के बाद दृश्य कला में शानदार करियर संभावनाएं

युवाओं को लुभा रहा एमडीयू का दृश्य कला विभाग।

12वीं के बाद दृश्य कला में शानदार करियर संभावनाएं

रोहतक, गिरीश सैनी। कक्षा 12वीं उपरांत चित्रकला में रुचि रखने वाले और रचनात्मक क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक विद्यार्थियों को एमडीयू का दृश्य कला विभाग लुभा रहा है। वर्ष 1991 में स्थापित दृश्य कला विभाग ने शिक्षा, शोध और रचनात्मकता के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।

इस विभाग में प्रमुख रूप से चार वर्षीय बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (बी.एफ.ए.) स्नातक पाठ्यक्रम उपलब्ध है। इसमें प्रवेश के लिए अभ्यर्थी का 10+2 (किसी भी विषय में) न्यूनतम 45% अंकों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है। हरियाणा राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, एवं दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण और न्यूनतम अंक में छूट का प्रावधान है।

केवल तकनीकी शिक्षा तक सीमित न रहकर विद्यार्थियों के समग्र विकास को केंद्र में रखकर तैयार किया गया ये कार्यक्रम छात्रों में आवश्यक कला कौशल, रचनात्मकता, आलोचनात्मक दृष्टिकोण और सौंदर्यबोध के प्रति गहन रुचि को विकसित करता है। इस पाठ्यक्रम में भारतीय कला परंपराओं के साथ-साथ यूरोपियन कला, मीडिया अध्ययन, सांस्कृतिक अध्ययन, योग्यता संवर्धन एवं कौशल विकास से संबंधित विषयों को विशेष रूप से शामिल किया गया है। चित्रकारी, रेखांकन, छापा चित्र, फोटोग्राफी, रूप चित्रांकन भारतीय कला का इतिहास कला इतिहास के विभिन्न पक्षों तथा पाश्चात्य, मिस्र इत्यादि के कला इतिहास का अध्ययन विभागाध्यक्ष संजय कुमार और प्राध्यापकों डॉ. अंजलि दुहन, डॉ. राजेश कुमार और प्रवीण कुमार के मार्गदर्शन में करवाया जाता है।

विभागाध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि दृश्य कला के प्रति जिज्ञासु छात्रों के लिए यह एक शानदार करियर विकल्प बन सकता है। उन्होंने बताया कि विभाग के छात्र विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में भाग लेकर सम्मान प्राप्त कर रहे हैं। अनेक पूर्व छात्र देश-विदेश के प्रमुख कला संस्थानों, गैलरियों और विवि में कार्यरत हैं। अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर सरकारी, निजी, कॉर्पोरेट, बैंकिंग व मीडिया क्षेत्र में भी करियर के अपार अवसर हैं। उन्होंने बताया कि दाखिले के इच्छुक छात्र विवि की वेबसाइट या विभागीय कार्यालय से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।