अरावली पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वागत योग्य बताया पूर्व सीएम हुड्डा ने

सरकार पर हरियाणा की भर्तियों से हरियाणवियों को बाहर करने का आरोप लगाया।

अरावली पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वागत योग्य बताया पूर्व सीएम हुड्डा ने

रोहतक, गिरीश सैनी। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अरावली मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेने का कांग्रेस पार्टी स्वागत करती है। उन्होंने कहा कि हमने विधानसभा में ये मुद्दा उठाया था, लेकिन सरकार चर्चा से भागती रही। कांग्रेस ने अल्पकालिक चर्चा का प्रस्ताव भी दिया, जिसे सरकार ने ठुकरा दिया। हुड्डा ने कहा कि फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट स्पष्ट कहती है कि अरावली का विनाश हरियाणा पर सबसे अधिक प्रभाव डालेगा। इससे प्रदूषण बढ़ेगा और हरियाणा के फेफड़ों की तरह काम करने वाली ये पहाड़ियां नष्ट हो जाएंगी।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का इस मुद्दे पर स्टैंड क्या है? सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने अरावली को क्यों नहीं बचाया और अवैध खनन माफिया पर आजतक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? विधानसभा में सरकार ने इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि खनन माफिया कितना बेखौफ होकर अरावली को तोड़ने में लगा है, इसकी बानगी प्रदेश की जनता कई बार देख चुकी है। 19 जुलाई 2022 को नूंह में खनन माफिया ने एक डीएसपी की हत्या कर दी थी। 1 जनवरी 2022 को भिवानी के डाडम क्षेत्र में अवैध खनन के कारण लैंडस्लाइड से 5 मजदूरों की मौत हो गई। ये सभी घटनाएं अरावली में ही हुई। स्पष्ट है कि अरावली को नष्ट करने के लिए सरकार को नए नियमों की जरूरत नहीं है, यहां अवैध खनन करके माफिया पहले से ही इस पर्वत श्रृंखला में सेंधमारी कर रहा है।

अपने आवास पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार जानबूझकर हरियाणा की भर्तियों से हरियाणवियों को बाहर कर रही है। हरियाणा पावर यूटिलिटीज (एचपीयू) असिस्टेंट इंजीनियर भर्ती के दस्तावेज सत्यापन के आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं। जनरल कैटेगरी के 214 उम्मीदवारों में से केवल 29 हरियाणा डोमिसाइल वाले चुने गए हैं। उन्होंने इसे हरियाणवी युवाओं के साथ सीधा अन्याय और उनके हक पर डाका करार दिया। 

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा बेरोजगारी में देश का नंबर वन राज्य बन चुका है, लेकिन फिर भी यहां भर्तियों में प्रदेश के युवाओं को ही अवसर नहीं दिया जा रहा। ये बीजेपी की सोची समझी नीति है। ये न सिर्फ हरियाणा की नौकरियां बाहरियों को सौंपना चाहती है, बल्कि ऐसा करके लगातार प्रदेश की डेमोग्राफी को भी बदल रही है।