पूर्व सीएम हुड्डा ने किसानों को धान, बाजरा और कपास की एमएसपी न मिलने का आरोप लगाया

बीजेपी और इनेलो के पास बताने लायक कोई उपलब्धि नहीं हैः भूपेंद्र सिंह हुड्डा

पूर्व सीएम हुड्डा ने किसानों को धान, बाजरा और कपास की एमएसपी न मिलने का आरोप लगाया

रोहतक, गिरीश सैनी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि मंडियों में धान, बाजरा और कपास की आवक शुरू हो गई है, लेकिन सरकारी खरीद न होने के चलते किसानों को एमएसपी से 300-400 कम रेट पर धान, करीब 600 रुपये कम रेट पर बाजरा और करीब 2000 रुपये कम रेट पर अपनी कपास बेचनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि बाढ़ की मार के बाद अब किसान सरकार की मार झेलने को मजबूर हैं।

रोहतक में पत्रकारों से बातचीत के दौरान इनेलो को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में सभी को राजनीति व कहीं भी कार्यक्रम करने की स्वतंत्रता है। हर पार्टी अपने कार्यक्रम में जनता के बीच अपनी उपलब्धियां रखती है, लेकिन बीजेपी और इनेलो ऐसी पार्टियां हैं, जिनके पास अपनी सरकार की बताने लायक एक भी उपलब्धि नहीं है। उन्होंने कहा कि इनेलो तो बीजेपी की प्रोक्सी बनकर काम कर रही है, क्योंकि बीजेपी कांग्रेस से कभी सीधे नहीं लड़ती, बल्कि उसे इनेलो और जेजेपी जैसी पार्टियों की जरूरत पड़ती है। इनका मकसद केवल बीजेपी-विरोधी वोटों का बंटवारा करना, जनभावनाओं  के साथ खिलवाड़ करना व जनता को धोखा देना है। इस दौरान विधायक भारत भूषण बतरा, विधायक शकुंतला खटक, पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा व आनंद सिंह दांगी सहित अन्य मौजूद रहे।

पूर्व सीएम ने सवाल उठाया कि क्या इनेलो और बीजेपी यह बताएंगी कि उनके शासनकाल में हरियाणा किन परिस्थितियों से गुजरा था? उस समय किसानों की क्या स्थिति थी? हुड्डा ने पूछा कि इनेलो बताए कि उनकी सरकार में किसानों पर गोलियां क्यों चलाई गईं? महम कांड जैसी घटनाओं को किसने अंजाम दिया? कौन था जो अपनी ड्रेस बदलकर वहां से भागा था? हुड्डा ने कहा कि क्या इनेलो यह बताएगी कि उनकी सरकार में किसानों की जमीनें क्यों छीनी जाती थीं? कर्ज में डूबे किसानों की जमीनें क्यों कुर्क की जाती थीं? क्यों उन्हें पकड़कर जेल में डाला जाता था? पूर्व सीएम ने दावा किया कि उस समय जेल में किसानों को रोटी खिलाने का खर्चा भी उनके कर्ज में जोड़ दिया जाता था।

हुड्डा ने कहा कि पूरे हरियाणा को आज भी याद है कि इनेलो-बीजेपी सरकार के दौरान गुंडाराज था और सरकार जेल से चलती थी। उन्होंने दावा किया कि 2005 में कांग्रेस सरकार ने हरियाणा को गुंडाराज से मुक्ति दिलाई। कांग्रेस सरकार ने किसानों के 1600 करोड़ रुपये के बिजली बिल माफ किए, फसली ऋण पर ब्याज दर को शून्य किया और 2300 करोड़ रुपये के किसानों के कर्ज माफ किए। साथ ही, यह नियम बनाया गया कि किसी भी किसान की जमीन कुर्क नहीं होगी। हुड्डा ने चुनौती दी कि क्या इनेलो इन सच्चाइयों को जनता के सामने रखेगी?

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी ने चुनाव से पहले किया गया, अपना एक भी वादा नहीं निभाया। किसानों को धान का 3100 रुपए रेट देने का वादा पूरी तरह झूठा साबित हुआ। इसी तरह सभी महिलाओं को ₹2100 देने का वादा भी झूठा साबित हुआ, क्योंकि सरकार ने इस योजना पर अलग-अलग नियम और शर्तें थोप दी है, जिससे गिनी-चुनी महिलाओं को ही इस योजना का लाभ हो पाएगा।

हुड्डा ने कहा कि खरीद से लेकर मुआवजा और खाद देने तक, हर काम में बीजेपी जानबूझकर देरी करती है। सरकार द्वारा गिरदावरी और वेरिफिकेशन का काम कछुए की रफ्तार से किया जा रहा है। 31 लाख एकड़ में से अब तक सिर्फ 3 लाख एकड़ भूमि का ही वेरिफिकेशन हो पाया है। उन्होंने मांग की कि सरकार पोर्टल का चक्कर छोड़कर तुरंत स्पेशल गिरदावरी करवाए और किसानों तक आर्थिक मदद पहुंचाए। क्योंकि पोर्टल का झमेला सिर्फ किसानों को मुआवजे से वंचित करने के लिए खड़ा किया जा रहा है। जब सरकार को पराली जलाने के केस दर्ज करने होते हैं तो वह सेटेलाइट के आधार पर फैसला ले लेती है। तो क्या सरकार को खेतों में आई बाढ़ सेटेलाइट इमेज में नजर नहीं आती? पूर्व सीएम ने बताया कि जब 1995 में ऐसी ही बाढ़ आई थी तो कांग्रेस सरकार ने किसानों को फसलों के साथ खेत के कोठड़े, ट्यूबवैल, तमाम मकानों और दुकानों समेत प्रत्येक नुकसान का नकद मुआवजा दिया था।