डीसी सचिन गुप्ता ने ड्रेन नंबर-8 व अन्य नालों में केवल शुद्ध (ट्रीटेड) पानी ही छोड़े जाने के निर्देश दिए
यमुना एक्शन प्लान की बैठक आयोजित।
रोहतक, गिरीश सैनी। उपायुक्त सचिन गुप्ता ने यमुना एक्शन प्लान की तैयारियों को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला में ड्रेन नंबर-8 तथा उससे जुड़े अन्य नालों में केवल शुद्ध (ट्रीटेड) पानी ही छोड़ा जाए। उन्होंने अधिकारियों को चिन्हित स्थानों पर अपशिष्ट जल के उपचार की आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की सख्ती से अनुपालना करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त ने यमुना एक्शन प्लान की बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्पष्ट किया कि भविष्य में किसी भी सूरत में बिना उपचारित अपशिष्ट जल न डाला जाए। उन्होंने कहा कि यमुना नदी की स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बैठक के दौरान उपायुक्त ने ड्रेन नंबर-8 व अन्य नालों में अपशिष्ट जल डालने की जांच हेतु गठित समिति से निरीक्षण एवं कार्रवाई रिपोर्ट प्राप्त की। उन्होंने बताया कि समिति सभी पहलुओं की समीक्षा कर रही है तथा जो भी एजेंसी बिना उपचारित पानी छोड़ती पाई जाएगी, उसके विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जाएगी। समिति ने जानकारी दी कि चिन्हित स्थलों का निरीक्षण कर हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जल नमूने लेकर प्रयोगशाला जांच के लिए भेजे गए हैं।
उपायुक्त ने विकास एवं पंचायत/पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांव सांघी, कन्हेली, मायना, बलम व काहनौर से ड्रेन नंबर-8 में प्रवाहित हो रहे अपशिष्ट जल के उपचार की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि जहां पंचायत भूमि उपलब्ध नहीं है, वहां वैकल्पिक समाधान तलाशे जाएं। उन्होंने एचएसवीपी अधिकारियों को भी रोहतक लिंक ड्रेन में केवल शुद्ध पानी ही छोड़े जाने के निर्देश दिए।
उपायुक्त ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को कन्हेली गांव के लिए अलग एसटीपी स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही शहर में जारी पेयजल कनेक्शनों की संख्या का आकलन कर यह भी पता लगाने को कहा कि किन घरों ने अभी तक सीवरेज कनेक्शन नहीं लिया है। उन्होंने सिंचाई विभाग को दिल्ली बाईपास स्थित पुलिस आईजी कार्यालय के पास से गुजरने वाले ड्रेन को कवर करने तथा पक्का करने के शेष कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए, जिसके लिए 108 करोड़ का बजट प्राप्त हो चुका है। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को भी संबंधित बिंदुओं का निरीक्षण कर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।
पं. बीडीएस स्वास्थ्य विज्ञान विवि के प्रतिनिधियों ने बताया कि विवि में स्थापित एसटीपी क्रियाशील है। वहीं, एमडीयू के प्रतिनिधियों ने जानकारी दी कि विवि परिसर में स्थापित एसटीपी जनवरी के अंत तक चालू कर दिया जाएगा तथा उपचारित पानी का उपयोग परिसर के भीतर ही किया जाएगा। बैठक में पंचायती राज विभाग के अधीक्षण अभियंता प्रेम सिंह राणा, जन स्वास्थ्य विभाग के अधीक्षण अभियंता शिवराज, डीआरओ प्रमोद चहल, डीडीपीओ राजपाल चाहल, कार्यकारी अभियंता अरुण मुंजाल, राजीव राठी, संजीव कुमार व नवीन कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी मंजीत मलिक, जिला प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी दिलजीत सिंह, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी दिनेश, बीडीपीओ रोहताश व शिखा सेहरावत, एसडीओ सुजीत सहित संबंधित विभागों के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
Girish Saini 


