डांस और थियेटर से मुझे खुशी मिलती है : ज्योति चुघ 

डांस और थियेटर से मुझे खुशी मिलती है : ज्योति चुघ 

-कमलेश भारतीय 
जिंदल माॅडर्न स्कूल की शिक्षिका ज्योति चुघ का कहना है कि उन्हें नर्सरी क्लास से ही डांस और म्यूजिक का शौक लगा जो समय के साथ थियेटर तक पहुंच गया । डांस और थियेटर से खुशी मिलती है । अभी इनका ताजातरीन मंचन नृत्यम् के बाल नाटक ईना , मीना , डीका में देखने को मिला । इसमें वे संजय सेठी की निर्देशन में सहायिका तो है ही , एक वृद्धा की प्रभावशाली भूमिका भी निभाई है । वैसे इनका बेटा गादिल भी छोटी सी भूमिका में है । मूल रूप से सिरसा निवासी ज्योति चुघ की ग्रेजुएशन सी एम के काॅलेज से हुई तो एम ए अंग्रेजी और एम फिल चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय से ! आजकल हिसार के जिंदल माॅडर्न स्कूल में शिक्षिका के साथ साथ अपने बचपन का शौक भी पूरा कर रही हैं ।
-कब से मंच पर ?
-नर्सरी कक्षा से ही । 
-काॅलेज में किन गतिविधियों में ?
-डांस, म्यूजिक , शास्त्रीय व लोकनृत्य  ।
-कोई पुरस्कार ?
-युवा समारोह में अनेक पुरस्कार ।
-मम्मी पापा ने रोका नहीं ?
-पापा भागीरथ आढ़ती हैं तो मां रमा गृहिणी । पति नवनीत चुघ पानीपत में एल ई डी की कम्पनी चलाते हैं । न मायके में किसी ने रोका और न ससुराल में । सास दर्शना चुघ भी प्रेरणा देती हैं । सभी ने सहयोग ही दिया तभी अपनी कला यात्रा जारी रख पाई ।
-परिवार के बारे में ?
-पति नवनीत । बेटा गादिन और बेटी दीत्या! बस छोटा सा संसार ।
-कौन एक्ट्रेस पसंद ?
-माधुरी दीक्षित । इनके हाव भाव मैं टी वी पर ही देख देखकर काॅपी करती रहती बचपन से ही । डांस कितना प्यारा करती हैं । 
-ईना , मीना , डीका से पहले क्या ?
-रामायण में कैकयी की भूमिका । स्कूल के अनेक कार्यक्रमों में डांस ! 
-और शौक क्या हैं ?
-पेंटिग करती हूं   बड़ी बड़ी पेंटिंग्स मायके में लगी हैं । 
-क्या इरादा है आगे ?
-बड़े प्रोजेक्ट के लिये समय नहीं है । इसलिये छोटे छोटे प्रोजेक्ट ही लेती हूं ।
हमारी शुभकामनाएं ज्योति चुघ को ।