फिर रंग आंगन नाट्योत्सव 

फिर रंग आंगन नाट्योत्सव 

-कमलेश भारतीय
हिसार: फिर से आ गया रंग आंगन नाट्योत्सव । आठवें साल लगातार । मनीष जोशी और मनोज बंसल की जोड़ी को सलाम । वैसे अब यह त्रिमूर्ति बनने की ओर । त्रिलोक बंसल भी लगातार कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं और कितने प्राउड मेंबर्स जो खामोशी से इसका इस आयोजन में साथ देते आ रहे हैं । 

किसी भी शहर में लगातार आठ साल तक नाट्योत्सव होना शायद एक कीर्तिमान जैसा है । और ऐसा आयोजन शहर की फिजां बदल रहा है हर साल । कितने अभिनेता अभिनेत्रियां इस मंच पर अपने अभिनय के रंग बिखेरने देश भर से आते हैं । कितने ही रंगकर्मी यहां से और ऊर्जा लेकर जाते हैं । 
वैसे तो हिसार में थियेटर की जड़ें पहले से ही बहुत मजबूत हैं -राजीव मनचंदा , यशपाल शर्मा , राजीव भाटिया, कपूर भाई , गिरीश धमीजा , गुलशन भुटानी , अनूप मीचूज , लोकेश मोहन खट्टर , पवन नागपाल श्वेता , मनीष जोशी , राखी जोशी , रमन नास्सा , डाॅ संध्या शर्मा , डाॅ सतीश कश्यप , नवीन निषाद आदि कितने ही लोग हैं जो हिसार में थियेटर को गुलज़ार करने में लगे है । और नयी पीढ़ी भी जुटी हुई है । इनमें अनूप बिश्नोई , अतुल लंगाया , कबीर दहिया , निधि चौधरी , संजना नागपाल , रवीना , विजय लक्ष्मी , राजविंद्र भट्टी जाने कितने नाम हैं । 

इस बार अब तक तीन दिन बीत गये । मनीष जोशी ने रोहनात की क्रांति पर नया नाटक तैयार किया । राखी जोशी ने लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देते सुरों की लता कार्यक्रम बनाया । ये नाटक बताते हैं कि हम बिल्कुल नये से नये आसमान छू रहे हैं । 

इसी तरह कल शाम खेला गया -कम्बख्त इश्क जो वृद्धावस्था के अकेलेपन से ग्रस्त दो लोगों की कथा पर आधारित है जो संयोगवश एक अस्पताल में मिलते हैं और फिर उनको अहसास होता है कि वे एक दूसरे के साथ अपने दुख कम कर सकते हैं लेकिन समाज और बड़े होते बच्चों के कारण बहुत अड़चन आती है । आखिरकार बच्चे सब समझ कर इनके विवाह को सहर्ष स्वीकार कर लेते हैं । काॅमेडी से भरपूर इस नाटक में नायक ललित जोशी और नायिका की भूमिका में मुनमुन ने समाज बांधे रखा । फिर भी कुछ द्विअर्थी संवादों से बचा जा सकता था और कुछ ऐसे ही पोजों से भी । नाटक अपना संदेश देने में सफल रहा । फरीदाबाद के अभिषेक और एक अन्य रंगकर्मी को सम्मान भी प्रदान किया गया । यह भी एक बढ़िया प्रयास है कि राज्य के सक्रिय रंगकर्मियों को सम्मान देकर थियेटर को सम्मान और बढ़ावा देना । रंग आंगन नाट्योत्सव के दौरान नाटकों के मंचन से पहले ओपन माइक भी काफी लोकप्रिय हो रहा है और कलाकृतियों के प्रदर्शन से पेंटर आर्टिस्टों को भी सम्मान मिल रहा है । बधाई मनीष और पूरी रंग आंगन नाट्योत्सव टीम ।