दोआबा कॉलेज में 67 दीक्षांत समारोह आयोजित

जालन्धर, 24 अप्रैल, 2025: दोआबा कॉलेज के वीरेन्द्र सभागार में 67 दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया जिसमें पदम श्री प्रो. डॉ. हरमोहिन्द्र सिंह बेदी, चांसलर, सैन्ट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हिमाचल प्रदेश बतौर मुख्य मेहमान, चन्द्र मोहन, प्रधान आर्या शिक्षा मण्डल एवं कॉलेज प्रबन्धकीय समीति बतौर समारोह अध्यक्ष श्री आलोक सोंधी- महासचिव कॉलेज प्रबन्धकीय समीति, श्री ध्रुव मित्तल-कोषाध्यक्ष कॉलेज प्रबन्धकीय समित, डॉ. सुषमा चावला-उप प्रधान, डॉ. सतपाल गुप्ता-मैंबर, श्री कुंदल लाल अग्रवाल बतौर विशेष मेहमान उपस्थित हुए जिनका हार्दिक अभिनन्दन प्रि. डॉ. प्रदीप भण्डारी, डॉ. सुरिन्द्र शर्मा, एवं. प्रो. नवीन जोशी-संयोजकों प्राध्यापकों और विद्यार्थियों ने किया । समारोह की शुरुआत में पहलगाम में मारे गये निर्दोष नागरिकों को भावभीनि श्रद्धांजलि अर्पित की गई । तत्पश्चात ज्योतिप्रज्वलन और दोआबा जय गाण पेश किया गया ।
अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रि. डॉ. प्रदीप भण्डारी ने रिपोर्ट पढ़ते हुए कॉलेज का आकादमिक एवं प्रोफेशनल अचिवमेंटस पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि दोआबा कॉलेज ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूर्णता से लागू करते हुए 20 बहु-विषयक स्किल आधारित और भविष्य अनुरूपि कोर्सिस प्रारम्भ किये हैं । कॉलेज के विद्यार्थी अपनी डिग्री के साथ-साथ इन स्किलस आधारित कोर्सिस का लाभ ले रहे हैं । जीएनडीयू द्वारा पाँच स्किल एन्हासमेंट कोर्स भी सफलतापूर्वक चलाये जा रहे हैं । इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों को इन्टर्नशिप एवं प्लेसमैंट दिलवाने हेतु सम्बन्धित उद्योगों के साथ मैमोरेंड ऑफ एन्डरस्टेडिंग भी साईन किये गये हैं । गत वर्ष कॉलेज के विद्यार्थियों ने 24 यूनिवर्सिटी पोजीशन्स और स्पोर्टस में उत्कर्षट प्रदर्शन किया है ।
मुख्य मेहमान डॉ. हरमोहिन्द्र सिहं बेदी ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि आने वाले समय में नैशनल ऐजुकेशन पॉलिसी 2020 के साकारात्मक तरीके से लागू होने पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इण्डियन नॉलेज सिस्टम के अन्तर्गत विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रसार से भारत का भविष्य बहुत ही उज्जवल होगा । उन्होंने कहा कि पंजाब वह धरती है जहाँ ऋग्वेद और गुरबाणी की रचना हुई जिसका ज्ञान आज के समय में भी ज्यादा प्रसांगिक है । डॉ. बेदी ने विद्यार्थियों को उत्साहित करते हुए कहा कि उन सभी को पंजाब के पुराने वचस्व को पुनः जीवित कर अपनी कड़ी मेहनत, बहादुरी और त्याग की भावना को अपने अन्दर पुनः जागृत करते हुए प्रदेश को नई ऊँचाईयों पर लेकर जाना चाहिए जिसके लिए पंजाबी पूरे विश्व में विख्यात है । उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी के नौजवानों को देश को छोड़कर बाहर बसने की बजाये अपने प्रदेश और देश में रहकर अपने भविष्य को उज्जवल करना चाहिए ।
चन्द्र मोहन ने उपस्थिति को सम्बोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों द्वारा कड़ी मेहनत से अर्जित की गई यह डिग्रीयाँ उनकी बेमिसाल धरोहर है जिससे वह अपने भविष्य की बढ़िया नींव रख सकेंगे । उन्होंने कहा कि आज के दौर में यह बहुत ज़रूरी है कि विद्यार्थी आर्टिफिशियल इंटैलिजैंस की चुनौतियों को समझ कर अपने द्वारा अर्जित किये गये ज्ञान से अपने अन्दर मौलिक सोच एवं नए विचार तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को अपने अन्दर संचालित कर जीवन में सही फैसले ले । उन्होंने कहा कि आज के दौर में यह बहुत ज़रूरी है कि प्राध्यापक भी अपने आप को नई तकनॉलोजी के हिसाब से उन्नत करें ताकि वह विद्यार्थियों के सटीक मार्गदर्शक दे सकें ।
डॉ. हरमोहिन्द्र सिंह बेदी, श्री चन्द्र मोहन, आलोक सोंधी, ध्रुव मित्तल, डॉ. सुषमा चावला, डॉ. सतपाल गुप्ता और प्रि. डॉ. प्रदीप भण्डारी ने कॉलेज के 526 ग्रैजुएट और पोस्ट ग्रैजुएट विद्यार्थियों को डिग्रीयाँ प्रदान की ।
इस मौके पर कॉलेज के 3 प्राध्यापकों, डॉ. प्रिया चोपड़ा, डॉ. रणजीत सिंह और डॉ. मनजीत कौर को पी.एचडी की डिग्री मिलने पर महानुभावों द्वारा सम्मानित किया गया ।
आलोक सोंधी ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि सभी विद्यार्थियों को अपने अभिभावकों और अपने प्राध्यापकों के प्रति शुकरगुज़ार रहना चाहिए जिनके आर्शीवाद की बदौहलत वह आज अपनी डिग्रीयाँ प्राप्त कर अपने जीवन के नए पढ़ाव में प्रवेश कर बढ़िया करियर बनाने की ओर अग्रसर है । श्री सोंधी ने विद्यार्थियों को अपने जीवन में असफलताओं से सीख लेकर साकारात्मक सोच विकसित कर जीवन में सफल होने का मूल मंत्र दिया।
मंच संचालन डॉ. प्रिया चोपड़ा और डॉ. शिविका दाता ने बखूबी किया ।
दोआबा कॉलेज में आयोजित 67 दीक्षांत समारोह में मुख्य मेहमान डॉ. हरमोहिन्द्र सिंह बेदी का स्वागत करते हुए चन्द्र मोहन, आलोक सोंधी, प्रि. डॉ. प्रदीप भण्डारी व गणमान्य । (साथ में विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान करते हुए डॉ. हरमोहिन्द्र सिंह बेदी, चन्द्र मोहन, आलोक सोंधी, प्रि. डॉ. प्रदीप भण्डारी व गणमान्य) ।