“वाहो वाहो बाणी निरंकार है” गाकर किया संगत को निहाल

 गुरु ग्रंथ साहिब जी के पहले प्रकाश दिवस को समर्पित कीर्तन समागम आयोजित।

“वाहो वाहो बाणी निरंकार है” गाकर किया संगत को निहाल

रोहतक, गिरीश सैनी। श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के पहले प्रकाश दिवस के पावन अवसर पर स्थानीय डीएलएफ कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा बाबा सोमा शाह में एक विशेष कीर्तन समागम का आयोजन किया गया।

हेड ग्रंथी भाई गुरजीत सिंह ने बताया कि दूर-दूर से पहुंची संगत ने दरबार साहिब में माथा टेक कर सुख-शांति की अरदास की। रंग बिरंगी लाइटों व विभिन्न प्रकार के फूलों से सजे दरबार हाल में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतारें लगी रही।

सांयकाल, पाठ रहरास साहिब उपरांत गुरूद्वारे के शब्द चौकी जत्थे ने कीर्तन किया। कीर्तन समागम में हजूरी रागी बीबा मनजोत कौर ने अपनी मधुर वाणी में “वाहो वाहो बाणी निरंकार है”, “खालसा जी के बोल बाले” और “बाणी गुरु, गुरु है बाणी” जैसे मधुर शब्द गाकर संगत को निहाल किया। उसके बाद गुरुद्वारा बंगला साहिब, रोहतक से भाई गुरदेव सिंह ने “संता के कारज आप खलोइया” व “बंदे खोज दिल हररोज” का गायन कर गुरबाणी की महिमा का बखान किया।

कीर्तन समागम उपरांत श्रद्धालुओं के लिए गुरु का लंगर अटूट बरताया गया। इस दौरान सरदार चरण शाह सिंह, सरदार लाभ सिंह, हजूरी रागी बीबा मनजोत कौर, कुलदीप सिंह सोनी, सरदार हरिंद्र सिंह, वीरेंद्र गोसाई, हरजीत कौर, अरविंदर कौर, इशिता भाटिया, सोनम, गगनदीप सिंह, कपिल बजाज, पीयूष, मनीष बजाज, महेश चिटकारा, प्रीति, सान्या, भव्या, मान्या, गगन वधवा सहित अन्य सेवादार व सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु मौजूद रहे।