बाल दिवस पर विशेष

लघुकथा/कसक/कमलेश भारतीय 

बाल दिवस पर विशेष
कमलेश भारतीय।

वह घर आया और रूठ कर दादी के पास पहुच गया ।उसकी बाजू पकड कर बोला- दादी , फोन पर मेरी पापा से बात करवा दे।
- कयों ? 
- दादी , कहां रहता है , मेरा पापा ? 
-  वो तो काम के लिए दूर रहता है ।
- बुला उसे अभी ।
-  कयों ? 
- मैं अभी जाॅय के साथ खेल रहा था । उसका पापा आया और हम दोनों को कार में घुमाने ले गया । 
- फिर क्या हुआ ? 
- जब मेरे पापा के पास गाडी है , तो मैं जाॅय के पापा की गाडी में सैर क्यों करूं ? 
-  बेटे , तेरे पापा नहीं आ सकते ।
- कह दे फिर मैं उनसे बात नहीं करूंगा ।
-नहीं बेटे , ऐसे नहीं कहते ।
- बस फिर,  करवा दे मेरी बात । वह अपनी जिद्द पूरी करके ही माना । उसके बाद सपनों में खो गया और पापा की गाडी में सैर करने निकल गया ।