कमलेश भारतीय की चार कविताएं

कमलेश भारतीय की चार कविताएं
कमलेश भारतीय।

(1)

शिखर और ढ़लान

माना कि पहाड़ ऊंचे होते है 
और उन पर चढ़ना दुष्कर। 
पर पहाड़ पर चढऩे का अपना ही सुख होता है। 
जैसे हम मंजिल पाने के लिए 
शिखर पर पहुंचने के लिए 
चुनौती स्वीकार कर रहे हों। 
ढ़लान पर उतरते समय 
आदमी हारा हुआ महसूस करता है 
ढलान पर उतरना 
अपने ही फैसले से वापसी जैसा लगता है।
 ढलान और शिखर में से एक का चुनाव जरूरी है...... निहायत जरूरी।

 

(2)

आशंका

बर्फ गिरती है
दूर पहाड़ों पर 
और मैं, मैदानों का निवासी शीतलहर की आशंका-मात्र से 
कॉप उठता हूं।
फौज की गाड़ियां
भेजी जाती हैं।
किसी प्रदेश में
दंगे भडक़ने से रोकने के लिए
और मैं, अपने शांत घर में भी
अशांत हो उठता हूं।

 

(3)

सुपात्र

अरी कोयल
मीठा तो गाया तूने
प्रशंसा भी हो रही थी तुम्हारी 
फिर यह क्या हुआ?
संगीत-प्रतियोगिता का
पहला पुरस्कार
एक बेसुरा कौआ ले उड़ा?

 

(4) 

खेल
देखिए
पांव और पेट का खेल
चलते तो हैं
सब जगह पांव
पर
रोटी की तलाश में
ले जाता है पेट।

कमलेश भारतीय