अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आईएसी- 2025 का शुभारंभ
एनालिटिकल साइंसेज- शेपिंग द फ्यूचर थीम पर देश-विदेश के विशेषज्ञों ने साझा किए नवीनतम शोध।
रोहतक, गिरीश सैनी। वैज्ञानिक शोध, नई तकनीकों और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एमडीयू में चौथी इंडियन एनालिटिकल कांग्रेस (आईएसी- 2025) का शुभारंभ हुआ। केमिस्ट्री विभाग और इंडियन सोसाइटी ऑफ एनालिटिकल साइंटिस्ट्स (आईएसएएस)-दिल्ली चैप्टर द्वारा एनालिटिकल साइंसेज- शेपिंग द फ्यूचर विषय पर आयोजित इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पहले दिन उभरती वैज्ञानिक तकनीकों, शोध नवाचारों और वैश्विक सहयोग बारे गहन विचार मंथन हुआ।
उद्घाटन समारोह में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, फरीदाबाद के निदेशक (अनुसंधान एवं विकास) डॉ. आलोक शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस.सी. मलिक और कुलसचिव डॉ. कृष्णकांत विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। सम्मेलन का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया।
मुख्य अतिथि डॉ. आलोक शर्मा ने अपने संबोधन में एनालिटिकल साइंसेज में नई तकनीकों और इंटरडिसिप्लिनरी शोध दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया। उनका कहना था कि वैज्ञानिक अनुसंधान भविष्य की ऊर्जा और औद्योगिक जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस.सी. मलिक ने एनालिटिकल साइंसेज को आधुनिक विज्ञान का अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र बताते हुए कहा कि इसके माध्यम से शोध एवं उद्योग जगत में नई संभावनाएं विकसित हो रही हैं। कुलसचिव डॉ. कृष्णकांत ने कहा कि ज्ञान साझा करने से ही बढ़ता है तथा शोध का उद्देश्य समाज कल्याण होना चाहिए। केमिस्ट्री विभाग के अध्यक्ष और इस कार्यक्रम के को कन्वीनर प्रो. देवेंद्र सिंह ने स्वागत भाषण दिया। सत्र का संचालन प्रो. कोमल जाखड़ ने किया।
सम्मेलन में तीन महत्वपूर्ण कीनोट व्याख्यान प्रस्तुत किए गए, जिनमें स्विट्जरलैंड के डॉ. साइमन फार्नी ने एक्सेलेरेटर मास स्पेक्ट्रोमेट्री में नवीनतम प्रगति, प्रो. पी.एल. साहू (एनडीटीएल, दिल्ली) ने एंटी-डोपिंग विज्ञान में हो रहे विकास, और के.के. भगचंदानी ने नेतृत्व कौशल में स्टोरीटेलिंग की भूमिका पर अपने विचार साझा किए। आईएसएएस दिल्ली चैप्टर के वाइस चेयरमैन डॉ. जी.एस. कपूर ने आईएसएएस द्वारा प्रदान किए जाने वाले पुरस्कारों के बारे में जानकारी दी।
दोपहर के प्लेनरी सत्र की अध्यक्षता डॉ. एलेक्स पुलिकोट्टिल (इंडियन आयल आर एंड डी, फरीदाबाद) ने की। इस सत्र में प्रो. अनिल कादियान (बिट्स पिलानी), प्रो. रोबर्टा सिपुलो (इटली), प्रो. योचेन जंकर (ब्राज़ील) और डॉ. भारत नेवालकर (बीपीसीएल- आर एंड डी) ने ट्रांजिशन-मेटल कैटालिसिस, एआई-आधारित पॉलिमर विश्लेषण, उभरते विश्लेषणात्मक क्षेत्रों और हरित हाइड्रोजन उत्पादन तकनीकों पर सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किए। इसके बाद आयोजित दो समानांतर तकनीकी सत्रों में एनईपी-2020 आधारित फॉरेंसिक कार्यप्रणालियों, फंक्शनल फाइब्रस इलेक्ट्रोड्स, सॉफ्ट मटेरियल्स के विश्लेषणात्मक अनुप्रयोग, बायोकार्बन मापन तकनीकों और हाइब्रिड सोलर पावर सिस्टम जैसे नवोन्मेषी विषयों पर विशेषज्ञों ने अपने शोध प्रस्तुत किए।
Girish Saini 

