स्वयं में परिवर्तन लाकर समाज में सकारात्मक बदलाव के वाहक बनें युवाः आईएएस डॉ. यशपाल

विकसित भारत @2047 विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित।

स्वयं में परिवर्तन लाकर समाज में सकारात्मक बदलाव के वाहक बनें युवाः आईएएस डॉ. यशपाल

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के भूगोल विभाग द्वारा एनवायरनमेंट-पॉपुलेशन इंटर लिंकेज: सस्टेनेबल पाथवे फॉर विकसित भारत @2047 विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी और 25वीं एसोसिएशन ऑफ पंजाब ज्योग्राफर्स (एपीजी) मीट का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देश-विदेश से अनेक शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं तथा विद्यार्थियों ने भाग लेकर अपने विचार साझा किए।

 

आईएएस डॉ. यशपाल ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहा कि विकसित भारत 2047 का लक्ष्य तभी साकार होगा जब युवा अपने भीतर आत्मविश्वास, अनुशासन और समर्पण की भावना विकसित करेंगे। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे स्वयं में परिवर्तन लाकर समाज में सकारात्मक बदलाव के वाहक बनें। उन्होंने कहा कि आत्म विकास ही राष्ट्र विकास की पहली सीढ़ी है। उन्होंने कहा कि  कहा कि पर्यावरण संरक्षण, जनकल्याण और आर्थिक विकास का संतुलित समन्वय ही विकसित भारत 2047 की वास्तविक परिकल्पना को साकार कर सकता है।

 

मुख्य वक्ता प्रो. नीना सिंह ने कहा कि पर्यावरण और जनसंख्या के बीच गहरा पारस्परिक संबंध है, जिसे समझे बिना सतत विकास की कल्पना अधूरी है। उन्होंने बताया कि संसाधनों का संतुलित उपयोग और जनसंख्या की सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का समाधान ही भविष्य की विकास नीतियों की नींव बन सकता है।

 

सऊदी अरब की किंग सऊद यूनिवर्सिटी से डॉ. अली अब्दुल्लाह अल दोसारी ने अपने ऑनलाइन संबोधन में कहा कि ऐसे विमर्श वैश्विक स्तर पर नीतिगत सोच को नई दिशा देते हैं। संगोष्ठी के कन्वीनर एवं भूगोल विभागाध्यक्ष प्रो. प्रमोद कुमार ने प्रारम्भ में स्वागत भाषण देते हुए कहा कि विकसित भारत का मार्ग पर्यावरणीय स्थिरता और सामाजिक संतुलन से होकर गुजरता है। एपीजी पैटर्न प्रो. एम. एस. जागलान ने संगठन की विकास यात्रा पर प्रकाश डाला।

 

एपीजी अध्यक्ष प्रो. एस. पी. कौशिक ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा जब जीडीपी वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक विकास को समान प्राथमिकता दी जाए। को-कन्वीनर प्रो. बीनू सांगवान ने आभार जताया। डॉ. सुचेता यादव ने मंच संचालन किया। इस दौरान डीन सीडीसी प्रो. विनीता हुड्डा, प्रो. रेणु आर्य, प्रो. भगत सिंह राठी, प्रो. राजेंद्र शर्मा, प्रो. इंद्रजीत, प्रो. के.वी. चमार, प्रो. सुरेन्द्र कुमार यादव सहित शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी और देशभर से आए शिक्षाविद मौजूद रहे।