ये मुलाकात कोई गुल खिलायेगी?

ये मुलाकात कोई गुल खिलायेगी?
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय द्वारा।  
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के पूर्वाध्यक्ष व सिरसा से पूर्व सांसद अशोक तंवर और इनेलो के इकलौते विधायक अभय चौटाला के बीच सिरसा में एक घंटे तक लम्बी मुलाकात हुई । मीडिया ने बराबर दोनों को गपियाते देखा । पूछा भी अभय चौटाला से -मुलाकात हुई, क्या बात हुई ? इसके जवाब में अभय चौटाला ने यह तो नहीं कहा कि यह बात किसी से न कहना लेकिन इतना जरूर कहा कि दो सियासी आदमी मिलेंगे तो कुछ तो होगा ही लेकिन क्या अभी बता नहीं सकते । 
यह तो तय है कि जब से अशोक तंवर ने कांग्रेस छोड़ी है तब से वे अकेले हैं का गीत गा रहे हैं और कहां जाऊं , यह सोच रहे हैं । उन्हें बड़ी उम्मीद थी कि भाजपा न्यौता देगी लेकिन भाजपा ने तो एक बार पूछा तक नहीं । बेशक मनोहर लाल जी उन्हें दिल्ली के अस्पताल में भर्ती होने पर हालचाल पूछने जरूर आए थे । विधानसभा चुनाव से पहले अपने समर्थकों के लिए टिकटों की मांग करते करते वे कांग्रेस को ही अलविदा कह गये । हालांकि जो हंगामा अशोक तंवर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की कोठी के सामने किया , वह करना किसी अध्यक्ष के लिए शोभा देने वाला नहीं था । कोठी के बाहर क्यों , अंदर जाकर बात कर सकते थे । अध्यक्ष ही इस तरह हंगामा करने लगे तो फिर आम कार्यकर्त्ता से किस अनुशासन की उम्मीद ? फिर जो इनके कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुआ वह भी कमाल । कांग्रेस भवनों में नेताओं के फोटो बाहर फेंके गये और कांग्रेस भवनों को ताले लगा दिए गये । यह तो इनका स्वर्णिम युग रहा । फिर साइकिल यात्राओं से कांग्रेस को कमज़ोर करने में कसर नहीं छोड़ी । अब चले नया घर तलाशने । क्या अभय चौटाला और तंवर की मुलाकात कोई गुल खिलायेगी ? यदि इनेलो में ही जाना हो तो कम से कम जो इनेलो छोड़ गये जैसे प्रो सम्पत सिंह , सुरेंद्र बरवाला या फिर रणवीर गंगवा इनके अनुभव ही जान लीजिए तंवर जी । क्या पता कुछ मार्गदर्शन मिल जाये ? खुद अजय चौटाला कह रहे हैं कि अब तो लोग कहा करेंगे कि एक थी इनेलो । बहुत मशहूर है कि डूबते जहाज में कोई नहीं बैठना चाहता ।अब जिस स्थिति में इनेलो पहुंच गयी , उसमें कुछ दिनों से बसपा व कांग्रेस के कुछ नेता जरूर आये हैं पर इतनी हालत नहीं सुधरी कि आप बिना विचारे इसमें छलांग लगा दो । आप तो अपनी पार्टी बनाने वाले थे , उसका क्या हुआ ? अब बाहर तो हो ही , जरा संभल कर और सोच समझ कर फैसला करना । कहीं फिर गलत कदम उठा कर पछताना पड़ जाये ....राम भली करे ....हम बीच में कौन ? आप जानो, आपका काम । आपका फैसला । हम तो स्वागत कर देंगे....