दोआबा कॉलेज में वर्मिंगकम्पोस्टिंग पर वर्कशाप आयोजित

इस तकनीक द्वारा बनने वाली खाद-वर्मिंगकम्पोस्ट को ब्लैकगोल्ड अथवा काला सोना का दर्जा दिया गया 

दोआबा कॉलेज में वर्मिंगकम्पोस्टिंग पर वर्कशाप आयोजित
दोआबा कॉलेज में आयोजित वर्कशाप में डा. आदर्शपाल विग सम्बोधित करवाते हुए।

जालन्धर: दोआबा कॉलेज के बोटनी विभाग द्वारा डीबीटी स्टार कॉलेज स्टेटस स्पोसंरड प्रोग्राम के अंतर्गत  वर्मिगकम्पोस्टिंग पर वर्कशाप का आयोजन किया गया जिसमें डा. आदर्शपाल विग बतौर कार्यशाला संचालक उपस्थित हुए जिनका हार्दिक अभिन्नंदन प्रिं. डा. नरेश कुमार धीमान, डा. राकेश कुमार, प्रो. के.के. यादव, डा. अश्वनी कुमार, डा. राजीव खोसला और प्राध्यापकों ने किया।  

डॉ आदर्शपाल विग ने मिट्टी की फर्टिलिटी बढ़ाने व उसकी इण्डस्ट्रीयल वेस्ट से डीटाक्सिफिकेशन करने के लिए वर्मिंगकम्पोस्टिंग तकनीक- जिसमें घर की रसोई की ओर्गेनिक वेस्ट व सुखी पत्तियों को उपजाऊ खाद बनाने में अर्थवर्मस के योगदान की विस्तृत जानकारी दी तथा इस तकनीक द्वारा बनने वाली खाद-वर्मिंगकम्पोस्ट को ब्लैकगोल्ड अथवा काला सोना का दर्जा दिया। 

प्रिं. डॉ नरेश कुमार धीमान व डॉ राकेश कुमार ने डॉ आदर्शपाल को सम्मान चिह्न देकर सम्मानित किया ।