विश्लेषण/ न्याय यात्रा की शुरुआत में गिरी विकेट

विश्लेषण/ न्याय यात्रा की शुरुआत में गिरी विकेट

- कमलेश भारतीय
यह भी कमाल का मैच है! इधर कांग्रेस    के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ने  न्याय यात्रा शुरू की और‌ उधर मुम्बई में क्रिकेट की तरह पहले ही ओवर में पहले ही कदम पर पहली विकेट मिलिंद देवड़ा के रूप में गिर गयी! याद रहे कि राहुल गाँधी की यह न्याय यात्रा मुम्बई जाकर ही संपन्न होने वाली है! अब यही कह सकते हैं कि सिर मुंडाते ही पड़े ओले! 
राहुल गाँधी ने जब कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा की थी तब भी जुड़ने की बजाय अनेक नेता कांग्रेस का हाथ छोड़ गये थे या फिर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की तरह आपस में ही सिर फुटौबल कर रहे थे! इनकी भारत जोड़ो यात्रा में कुछ कांग्रेस नेता तो राजस्थान- हरियाणा सीमा पर मुंह दिखाई  करने आये थे, फिर दिखाई ही नहीं दिये ! 
अब न्याय यात्रा शुरू करते ही मुम्बई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस से हाथ छुड़ा कर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का दामन थाम लिया है! राहुल गाँधी की न्याय यात्रा के पहले ही कदम का स्वागत् करने के लिए शायद‌ मिलिंद देवड़ा बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे कि इधर‌ वे यात्रा शुरू करें, उधर वे कांग्रेस को अलविदा कहें ! यह कोई इतफाक नहीं कहा जा सकता! यह तो राहुल गाँधी की न्याय यात्रा को बेअसर करने की सोची समझी चाल ही कही जा सकती है! 
इस बार राहुल गाँधी पूरी यात्रा में  पदयात्रा ही नहीं करेंगे बल्कि बस पर  भी सवार होंगे ताकि वे क्षेत्र कवर कर सकें, जिन राज्यों में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं! मिलिंद देवड़ा के पिता मुरली देवड़ा कांग्रेस से जुड़े रहे और अब पचपन साल का यह फेविकोल का साथ टूट गया इस तरह अभी राह में कितने और ऐसे झटके सहने पड़ेंगे ! यह कहना मुश्किल है लेकिन इससे एक बात तो समझ में आती है कि कांग्रेस में जो गुटबाजी की दीमक लगी है, वह इसे किसी डायन की तरह खाये जात है! इसीलिए विरोधी भी बार बार मुफ्त में यही सलाह देते हैं कि राहुल बाबा पहले अपनी कांग्रेस के नेताओं को एकजुट कर लीजिए, फिर भारत जोड़ो या न्याय यात्रा जी सदके निकालिए ! आप समझ लीजिये कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक कांग्रेस इसी तरह बंटी हुई है और इसे किसी नये फेविकोल को खोजने की जरूरत है! बाकी आप जानो या न जानो!