समाचार विश्लेषण/ये दुष्कर्म कब खत्म होंगे?

सिहर उठता हूं दुष्कर्म के समाचार से । बिल्ला रंगा ने जो किया था दिल्ली मे भाई बहन के साथ याद है न ? पूरी दिल्ली दहल गयी थी । फिर जो बस में सवार निर्भया लड़की से कांड हुआ और जो बर्बरता की गयी , सुनते ही रोयां रोयां कांप उठा । ऐसे कितने ही कांड हैं । कितनी घिनौनी बातें ! स्कूटी खराब होने पर किस तरह ट्रक चालकों ने वेटेनरी डाॅक्टर की जान ले ली । कितने कितने दर्द भरे किस्से हैं । 

समाचार विश्लेषण/ये दुष्कर्म कब खत्म होंगे?
कमलेश भारतीय।

-*कमलेश भारतीय 
सिहर उठता हूं दुष्कर्म के समाचार से । बिल्ला रंगा ने जो किया था दिल्ली मे भाई बहन के साथ याद है न ? पूरी दिल्ली दहल गयी थी । फिर जो बस में सवार निर्भया लड़की से कांड हुआ और जो बर्बरता की गयी , सुनते ही रोयां रोयां कांप उठा । ऐसे कितने ही कांड हैं । कितनी घिनौनी बातें ! स्कूटी खराब होने पर किस तरह ट्रक चालकों ने वेटेनरी डाॅक्टर की जान ले ली । कितने कितने दर्द भरे किस्से हैं । 
अब फिर लखीमपुर खीरी में दो बहनों के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या कर देने का मामला उजागर हुआ है । यहीं बस नहीं की, शव भी पेड़ पर लटका दिये । बेशक आधा दर्जन लोग इस सिलसिले में गिरफ्तार कर लिए गये हैं । पर हिम्मत देखिए कि जबरन इन युवतियों को बाइक पर उठा कर ले गये । इतनी हिम्मत ? इतना दुस्साहस ? यह भी बात आ रही है कि लडकियों की पहले से इन लड़कों से जान पहचान थी । ये शादी करना चाहती थीं लेकिन युवक इनसे छुटकारा पाना चाहते थे । इसलिए यह कदम उठाया । 
क्या प्रेम करना अपराध है ? या यह एकतरफा प्रेम था ? या यह सिर्फ यौन क्रीड़ा ही थी जिसे युवतियों ने प्रेम समझने की भूल की ? क्या सिर्फ क्षणिक यौन सुख ही इनके लिए जानलेवा साबित हुआ? कितने सारे सवाल हैं । 
लखीमपुर खीरी पहले भी किसान आंदोलन के दिनों में खूब चर्चा में आया जब आठ किसानों को जीप से कुचल कर एक केंद्रीय मंत्री के बेटे ने कथित तौर पर मार दिया । अभी यह मामला चल रहा है । फिर भी भाजपा ने उस मंत्री महोदय को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता नहीं दिखाया । किसी भी ऐसी घटना को राज्य सरकार की विफलता तो साबित नहीं किया जा सकता लेकिन राज्य सरकार आलोचक के घेरे में तो आ ही जाती है । कहां तो पार्कों में भी लड़के लडकियों के बैठने पर पुलिस डंडे लगाती है और कहां इन अभागी लड़कियों की मां से ही दुर्व्यवहार करती है ! इस पर तो मुख्यमंत्री योगी संज्ञान ले ही सकते हैं । 
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।