समाचार विश्लेषण/टुकड़े टुकड़े गैंग , बबिता और बादल

समाचार विश्लेषण/टुकड़े टुकड़े गैंग , बबिता और बादल
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय

यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की या उनकी कार्य शैली की कोई आलोचना करता है तो उनके समर्थक एक बात कहते हैं कि यह टुकड़े टुकड़े गैंग का काम है । यह पिछले छह साल से हो रहा है । कौन है टुकड़े टुकड़े गैंग ? जो विरोध में अपने अवार्ड वापिस करते हैं , उन्हें टुकड़े टुकड़े गैंग से नवाजा जाता है । बताइए । यह कैसा नवाजने  का तरीका? आमिर खान ने कुछ कहा तो हाथ धोकर पीछे पड़ा यह गैंग यानी भाजपा समर्थक । स्वरा भास्कर, को ट्रोल किया जाता रहा   शबाना आज़मी और जावेद अख्तर भी निशाने पर रहे । यदि किसी ने असहिष्णुता के खिलाफ अपना अवार्ड लौटाया तो बस उसको निशाना बनाया ।

अब किसान आंदोलन के पक्ष में प्रसिद्ध कवि सुरजीत पातर और कितने ही ओलम्पिक खिलाड़ियों ने अपने अपने अवार्ड लौटाने की घोषणा की लेकिन एक हमारी हरियाणा की दंगल गर्ल बबिता फौगाट भाजपा के निकट क्या आई उसने भी किसान आंदोलन को टुकड़े टुकड़े गैंग द्वारा हाईजैक करने का आरोप ठोकने में कोई देर न लगाई । हालांकि इसका विरोध चचेरी बहन यानी दूसरी दंगल गर्ल विनेश फौगाट ने कर दिया । उसने कहा कि खिलाड़ी भावना रखो न कि ऐसी भावना । इस तरह आपस में ही बयानबाज़ी का दंगल शुरू हो गया । चाहे कंगना हो या बबिता अभी इन्हें राजनीति की समझने की जरूरत है ।  कंगना और बबिता राजनीति में आ तो गयीं लेकिन अभी होमवर्क अधूरा है । दंगल में जाने से पहले कितना अभ्यास किया होगा? फिल्मों में जगह बनाने के लिए कितने संघर्ष किये होंगे तो राजनीति में बिना होमवर्क के सफलता कैसे मिल जायेगी ?

इनके ऊपर छक्का तो मारा छोटे बादल ने यानी सुखवीर बादल ने । उनका कहना है कि टुकड़े टुकड़े गैंग तो भाजपा ही है खुद । किसानों के लिए कानून बनाते वक्त हमने एतराज जताया था तो बोले कि एतराज आयेगा तो ठीक कर देंगे लेकिन ऐसा नहीं किया और हरसिमरत ने इस्तीफा दे दिया मंत्रिमंडल से । हम किसान हित में मंत्री पद को ठोकर मार कर बाहर आ गये । अब शांति प्रिय किसानों को आतंकवादी कह कर पंजाब को साम्प्रदायिक आग में झोंकने की कोशिश कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि भाजपा ने पैंतीस  साल के अकाली दल से रिश्ते विश्वासघात से तोड़ लिए । यही विश्वासघात तो महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ किया । 

सुखबीर बादल का कहना है कि जिन लोगों ने यह काले कानून बनाये  उन्होंने कभी खेती की ही नहीं । उन्हें खेती के बारे में पता ही नहीं कुछ । ये आरोप वे दल लगा रहे है जो भाजपा का साथ देते आ रहे थे ।

कांग्रेस कह रही है कि मोदी को बड़ा दिल निकाल कर इन कानूनों को वापस ले लेना चाहिए । अब तक हठधर्मिता का रवैया अपनाया केंद्र को पुनर्विचार करना चाहिए । यह हठधर्मिता किसी काम नहीं आने वाली साहब ।