अध्ययनशील समाज बनाने और वंचितों को शिक्षा देने की कोशिश: प्रमोद गौरी 

अध्ययनशील समाज बनाने और वंचितों को शिक्षा देने की कोशिश: प्रमोद गौरी 
प्रमोद गौरी।

-कमलेश भारतीय 
अध्ययनशील समाज बनाने और वंचितों को शिक्षा देने की कोशिश जारी है । राज्य संसाधन केंद्र 'सर्च' में जीवन के अट्ठारह वर्ष समर्पित कर चुके प्रमोद गौरी ने यह बात कही । वे मूल रूप से हिसार के जवाहर नगर के रहने वाले हैं और आजकल इनका परिवार सेक्टर सोलह में रहता है।  वे रोहतक के गवर्नमेंट आई सी महिला काॅलेज में  राजनीति-शास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर पद पर कार्यरत हैं । प्रमोद गौरी ने एम ए राजनीति-शास्त्र हिसार के गवर्नमेंट काॅलेज से की और चंडीगढ़ के डी ए वी काॅलेज से प्री इंजीनियरिंग के बाद सिरसा से डी फार्मेसी भी की। इसके पश्चात कला संकाय में आकर राजनीति शास्त्र की पढ़ाई की।

-पहली जाॅब कहां?
-सिरसा के गवर्नमेंट नेशनल काॅलेज में सन् 1989 में। 1991से 1995 का समय हिसार के गवर्नमेंट काॅलेज में और फिर सन् 1995 में डेपुटेशन पर मानव संसाधन मंत्रालय के सर्च केंद्र में डायरेक्टर ।
-कितने वर्ष तक ?
-पूरे अठारह वर्ष तक स्टेट रिसोर्स सेंटर फाॅर एडल्ट एंड कंटिन्यूइंग एजुकेशन यानी सर्च में डायरेक्टर रहा ।
-क्या क्या कर पाये?
-हमारे चार उद्देश्य थे - प्रौढ़ शिक्षा के लिए प्रशिक्षण , साहित्य तैयार करना,वातावरण निर्माण के लिए अखबार और पत्रिका निकालना और शोध । सर्च की ओर से हरकारा पत्रिका निकाली जाती थी । प्रांत भर में प्रशिक्षण देना । 
-किन किन को प्रशिक्षण ?
-प्रशिक्षण में आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता  से लेकर डाॅक्टर्ज और उपायुक्त तक सब शामिल थे । नवसाक्षरों के लिए साहित्य तैयार करवाया। विष्णु नागर, असगर वजाहत, असद ज़ैदी, ओमप्रकाश बाल्मीकि और सूरजपाल चौहान जैसे लेखकों के साथ मिलकर पुस्तक लेखन कार्यशालाएं कीं।  
-क्या उद्देश्य रहा ?
-अध्ययनशील समाज बनाने और वंचितों को शिक्षा देने की कोशिश । भ्रूण हत्या के मुद्दे पर भी काफी काम किया । 
-आपके प्रिय लेखक ?
-प्रेमचंद , नामवर सिंह , मनमोहन और राजेश जोशी सहित अनेक लेखक प्रिय हैं जो प्रगतिशील हैं। इन लोगों को पढ़कर कविताएं लिखना शुरू किया।
-फुर्सत में क्या करते हैं ?
-साहित्य पढ़ता हूं । फिल्म देखता हूं और परिवार को समय देता हूं ।
-पत्नी?
-मनीषा । वे भी हिसार से ही हैं और सर्च में अठारह वर्ष साथ रहीं।  अब हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति और जनवादी महिला समिति में सक्रिय। 
-बच्चे?
-बड़ा बेटा अक्षय सत्यजीत रे फिल्म संस्थान से डायरेक्शन व पटकथा लेखन का डिप्लोमा कर चुका है और फिल्म निर्माण में रुचि है । बेटी अपूर्वा लेडी श्रीराम काॅलेज से जर्नलिज्म में ऑनर्ज।  पाश्चात्य संगीत में रुचि और पियानो बजाती है ।  
-आजकल आप किसमें रुचि ले रहे हैं ?
-हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति के प्रदेश महासचिव के रूप में अवैतनिक सेवायें दे रहा हूं । काॅलेज में पढ़ाता ही हूं ।
हमारी शुभकामनाएं प्रमोद गौरी को ।