युवाओं के लिए अपार रोजगार अवसर प्रदान करने वाला है पर्यटन और आतिथ्य उद्योगः प्रो. आशीष
एमडीयू में राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित।

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के इंस्टीट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट (आईएचटीएम) में "स्किल डेवलपमेंट एंड फ्यूचर रेडीनेस फॉर हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म प्रोफेशनल्स" विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में देशभर से आए विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, उद्योग प्रतिनिधियों और छात्रों सहित लगभग 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्वलन से हुआ।
संगोष्ठी की अध्यक्षता आईएचटीएम के निदेशक और संयोजक प्रो. आशीष दहिया ने की। स्वागत भाषण में उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत आज पर्यटन और आतिथ्य उद्योग में वैश्विक स्तर पर उभर रहा है। यह क्षेत्र युवाओं के लिए अपार रोजगार अवसर प्रदान करने वाला है। उन्होंने कहा कि भविष्य का सफल हॉस्पिटैलिटी प्रोफेशनल वही होगा जो तकनीकी कौशल के साथ भावनात्मक बुद्धिमत्ता और मानवीय संवेदना से लैस होगा।
बतौर मुख्य वक्ता, आईटीसी कंट्री क्लासिक गोल्फ क्लब, गुरुग्राम के वाइस-प्रेसिडेंट प्रदीप सिंह ने कहा कि आज की दुनिया में सफलता की कुंजी केवल तकनीक नहीं, बल्कि सस्टेनेबिलिटी और मानवीय सेवा का दृष्टिकोण है। उन्होंने युवाओं को सीखने के साथ-साथ सेवा भाव को अपनी पहचान बनाने की सलाह दी।
दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी की प्रो. श्रुति त्रिपाठी ने भविष्य की शिक्षा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा अब स्किल-सेंट्रिक होनी चाहिए। डिग्री से ज्यादा महत्वपूर्ण वह दक्षता है जो छात्र को आत्मनिर्भर बनाती है।
ऑनलाइन माध्यम से जुड़े प्रो. सितांशु शेखर जेना, डीन, स्कूल ऑफ वोकेशनल स्टडीज, डॉ. बी.आर. अंबेडकर विवि, दिल्ली ने एनईपी-2020 की भूमिका पर चर्चा की। प्रो. मोहिंदर चंद, विभागाध्यक्ष, होटल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट, कुरुक्षेत्र विवि ने कहा कि पर्यटन की स्थिरता तभी संभव है जब स्थानीय समुदायों को विकास प्रक्रिया में भागीदार बनाया जाए। इग्नू के प्रो. जटा शंकर तिवारी ने शिक्षा को अनुभवात्मक बनाने पर जोर दिया। जामिया मिलिया इस्लामिया की प्रो. सारा हुसैन ने महिलाओं की बढ़ती भूमिका पर बात करते हुए कहा कि महिलाओं की भागीदारी पर्यटन को इंक्लूसिव ग्रोथ का मॉडल बना रही है। प्रो. विनीति डावर ने इमोशनल इंटेलिजेंस और मेंटल वेल बीइंग पर प्रकाश डाला।
समापन सत्र में प्रो. संदीप मलिक ने आभार व्यक्त किया। मंच संचालन डॉ. शिल्पी ने किया। सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।