डॉ. मंगल सैन के आदर्श आज भी प्रासंगिक हैः डॉ. कृष्णकांत

पूर्व उप-मुख्यमंत्री की 35 वीं पुण्यतिथि पर विचार गोष्ठी आयोजित।

डॉ. मंगल सैन के आदर्श आज भी प्रासंगिक हैः डॉ. कृष्णकांत

रोहतक, गिरीश सैनी। हरियाणा के पूर्व उप-मुख्यमंत्री डॉ. मंगल सैन की 35वीं पुण्यतिथि के अवसर पर एमडीयू की डॉ मंगल सैन शोध पीठ द्वारा स्वराज सदन में उनके व्यक्तित्व, कृतित्व और राजनीतिक चिंतन पर केंद्रित एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत उपस्थित प्रबुद्धजनों द्वारा डॉ. मंगल सैन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई

 

कुलसचिव डॉ. कृष्णकांत ने कहा कि डॉ. मंगल सैन एक विचार है जो सदा रहेगा। उनका संपूर्ण जीवन समाज सेवा, निष्ठा और नैतिक मूल्यों के संरक्षण के लिए समर्पित रहा। उनका व्यक्तित्व नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है। डॉ. कृष्णकांत ने कहा कि डॉ. मंगल सैन असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे। वे एक दूरदर्शी चिंतक, कुशल संगठक और समाज तथा राष्ट्र के उत्थान के लिए निरंतर कार्यरत रहने वाले विद्वान थे। उनके जीवन और चिंतन से समाज सेवा, नैतिक मूल्यों और लोकतांत्रिक आदर्शों की अनूठी सीख मिलती है।

प्रारंभ में डॉ. मंगल सैन शोध पीठ के अध्यक्ष प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि शोध पीठ का उद्देश्य डॉ. मंगल सैन के विचारों और योगदान को नई पीढ़ी तक पहुँचाना है। उन्होंने कहा कि यह शोध पीठ उनकी स्मृतियों और आदर्शों को शोध व शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। एक पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से शोध पीठ किए गए कार्यों की जानकारी दी गई।

शोधपीठ के सलाहकार एवं डॉ मंगल सैन के सहयोगी रहे वरिष्ठ पत्रकार सोमनाथ शर्मा ने अपने संबोधन में डॉ. मंगल सैन के राजनीतिक जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने डॉ. मंगल सैन द्वारा रोहतक में मेडिकल कॉलेज की स्थापना, आकाशवाणी केंद्र की स्थापना, शिक्षा मंत्री रहते हुए रोहतक विवि का नाम महर्षि दयानंद के नाम पर रखने जैसे कार्यों का भी उल्लेख किया।

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश मुंजाल ने डॉ. मंगल सैन को सादगी की मूरत बताया। शोधपीठ के पूर्व निदेशक डॉ राजीव कुमार, प्रो. बलबीर आचार्य, प्रो. नरेश मिश्र ने डॉ. मंगल सैन से जुड़े संस्मरण साझा किए। कार्यक्रम संचालन डॉ. रवि प्रभात ने किया। 

इस दौरान प्रो. हरीश दुरेजा, प्रो. सुनीता सैनी, प्रो. सपना गर्ग, प्रो. प्रमोद भारद्वाज, प्रो. जे.एस. हुड्डा, डॉ. श्रीभगवान, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. कपिल मल्होत्रा, डॉ. अंजलि दुहन, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. हरिमोहन, हरिओम चंदेल सहित शोधार्थी, विद्यार्थी और शहर के प्रबुद्धजन शामिल हुए। उपस्थित जन ने डॉ. मंगल सैन की सादगी, सामाजिक योगदान और जनसेवा की विरासत को याद किया।