एसवाईएल पर अब तक बीजेपी-जेजेपी का रवैया नकारात्मक, प्रदेश हित में स्टैंड ले सरकारः पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा

कहा, एशियाई खेलों के पदक विजेताओं को मिले डीएसपी जैसे उच्च पदों पर नियुक्ति।

एसवाईएल पर अब तक बीजेपी-जेजेपी का रवैया नकारात्मक, प्रदेश हित में स्टैंड ले सरकारः पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा

रोहतक, गिरीश सैनी। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एशियाई खेलों के पदक विजेता खिलाड़ियों को कांग्रेस की ‘पदक लाओ, पद पाओ’ नीति के तहत डीएसपी जैसे उच्च पदों पर नियुक्ति देने की मांग उठाई है। साथ ही उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को मिलने वाली नकद इनाम राशि में भी बढ़ोतरी होनी चाहिए। एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता को 5, रजत विजेता को 3 और कांस्य पदक विजेता को 2 करोड़ रुपए मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि एशियाई खेलों में देश का शानदार प्रदर्शन रहा है। एक बार फिर हरियाणा के खिलाड़ी सबसे आगे रहे हैं। इस प्रदर्शन ने 2010 कॉमनवेल्थ खेलों की याद दिला दी जब देश को मिले कुल 38 में से 22 गोल्ड मेडल अकेले हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते थे।

हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान खेलों को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश में जो खेल नीति बनाई गई थी, उसने युवाओं को प्रोत्साहित किया था। जोगिंदर शर्मा, योगेश्वर दत्त और संदीप सिंह का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार ने खिलाड़ियों को डीएसपी, इंस्पेक्टर जैसे उच्च पदों पर नियुक्ति के साथ नौकरियों में खेल कोटा शुरू किया था और गांव-गांव में स्टेडियम बनाए गए थे। लेकिन रोहतक के राजीव गांधी खेल स्टेडियम की हालत देखकर समझा जा सकता है कि मौजूदा सरकार कांग्रेस कार्यकाल में बने खेल परिसरों की ढंग से देखरेख नहीं कर रही है। आज प्रदेश में नशा भयंकर गति से बढ़ रहा है। युवाओं को इसकी गिरफ्त से बचने के लिए खेलों को बढ़ावा देना जरूरी है। इसके लिए कांग्रेस की खेल नीति को प्रदेश में लागू करना कारगर साबित होगा। अगर मौजूदा सरकार ऐसा नहीं करेगी तो कांग्रेस सरकार बनने पर फिर से खिलाड़ियों के लिए ‘पदक लाओ, पद पाओ’, नौकरियों में कोटा और इनाम में बढ़ोतरी की नीति लागू की जाएगी।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 5 राज्यों के चुनावों की घोषणा का स्वागत करते हुए इन राज्यों में कांग्रेस की जीत का दावा किया। इस दौरान विधायक भारत भूषण बतरा व शकुंतला खटक भी मौजूद रहे। हुड्डा ने एसवाईएल के मुद्दे पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि साल 2002 में ही हरियाणा के पक्ष में फैसला आ गया था, जिसे पंजाब सरकार ने पलटने की कोशिश की। लेकिन एसवाईएल का पानी हरियाणा का हक है, इसलिए एक बार फिर 2017 में हरियाणा के हक में फैसला आया। उसी समय हरियाणा का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलने पहुंचा था। उसके बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात करवाने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ने ली थी। लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ। उसी दौरान गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ हुई मुलाकात में कानून विशेषज्ञों ने स्पष्ट कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अंतिम है, अब इसे लागू करने में कोई पेंच नहीं है। लेकिन पहले बीजेपी और अब बीजेपी-जेजेपी सरकार बेनतीजा बैठकों में वक्त खराब करती रही। सरकार द्वारा हरियाणा को उसका पानी दिलवाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।

इसी तरह कांग्रेस कार्यकाल में बनी हांसी-बुटाना नहर के जरिए मिलने वाले पानी के मुद्दे को भी मौजूदा सरकार ने ठंडे बस्ती में डाल दिया। पंजाब सरकार द्वारा कोर्ट से लिए गए स्टे को हटाने के लिए सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। कांग्रेस की मांग है कि सरकार को तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। अगर मौजूदा सरकार हरियाणा के हित में कोई स्टैंड लेती है तो कांग्रेस मजबूती के साथ सरकार के साथ खड़ी होगी।

पोर्टल की वजह से जनता को हो रही परेशानी का जिक्र करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि देश और प्रदेश में डिजिटलाइजेशन की शुरुआत कांग्रेस ने की थी। कांग्रेस का मकसद डिजिटाइजेशन के जरिए लोगों को सहूलियत देना और दफ्तरों में लगने वाली लगने वाली लंबी-लंबी कारों को खत्म करना था। लेकिन बीजेपी-जेजेपी दुनिया की इकलौती ऐसी सरकार है, जो डिजिटलाइजेशन और पोर्टल का इस्तेमाल जनता को लंबी-लंबी कतारों में खड़ा करने के लिए कर रही है।

आज लाखों किसान ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल की वजह से मंडियों में कतारों में खड़े हैं। फैमिली आईडी और प्रॉपर्टी आईडी में इतनी धांधली है कि लोग कई-कई महीनों से सरकारी दफ्तरों के बाहर कतारों में खड़े हैं। फसल बीमा योजना को भी इस सरकार ने पोर्टल के हवाले कर दिया गया है। जबकि इस योजना की सच्चाई यह है कि अब तक बीमा कंपनियां पूरे देश के किसानों से 57,000 करोड़ रुपए का मुनाफा कूट चुकी हैं। हरियाणा में भी वर्ष 2022-23 में एआईसी कंपनी ने किसानों से 704 करोड़ रुपये प्रीमियम लिया, लेकिन सिर्फ 7 करोड़ रुपये का ही मुआवजा दिया।

पत्रकारों से बातचीत में हुड्डा ने एक बार फिर एचसीएस भर्ती का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि 100 पदों की भर्ती में सिर्फ 60 लोगों का चयन अपने आप में संदेहास्पद है। यह वही भर्ती है जिसमें 38 सवाल पिछले पेपर से कॉपी किए गए थे। इस सरकार की हर भर्ती पर पेपर लीक, ओएमआर शीट में फेरबदल और पैसे लेकर नौकरी देने के आरोप लग रहे हैं। इसलिए कांग्रेस की मांग है कि प्रदेश में हो रहे तमाम भर्ती घोटालों की जांच सीबीआई से करवाई जानी चाहिए।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। इस सरकार के दौरान प्रदेश में 1 इंच मेट्रो लाइन आगे नहीं बढ़ी, 1 इंच रेलवे लाइन नहीं बिछी, एक भी बड़ा प्रोजेक्ट नहीं आया, एक यूनिट बिजली उत्पादन तक नहीं हुआ। यहां तक कि प्रदेश में आज जिन हाईवे का निर्माण हो रहा है उनमें से 90% परियोजनाएं कांग्रेस कार्यकाल की हैं।