समाचार विश्लेषण/राजनीति के आकाओं का यह अंत

समाचार विश्लेषण/राजनीति के आकाओं का यह अंत
कमलेश भारतीय।

-*कमलेश भारतीय 
राजनीति के आकाओं का कैसा कैसा अंत ? बहुत हैरानी भी होती है और दुख भी । इधर यह बात सामने आई है कि तमिलनाडु की लोकप्रिय मुख्यमंत्री रहीं व पूर्व अभिनेत्री जयललिता की मौत से जुड़े हालात के लिए इनकी निकटतम सखी शशिकला ही जिम्मेदार है । सरकार का कहना है कि कानूनी सलाह लेने के बाद ही इस पर कार्रवाई शुरू की जायेगी । जांच आयोग ने शशिकांत को जयललिता की मौत से जुड़े हालात के लिए जिम्मेदार पाया है । यही नहीं जांच रिपोर्ट में चिकित्सक केएस शिवकुमार(शशिकला के रिश्तेदार) तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर को भी दोषारोपित किया गया है । साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि जांच का आदेश दिया गया तो ये सभी दोषी पाये जायेंगे ! यह तो सब जानते हैं कि शशिकला की राजनीतिक आकांक्षाएं बढ़ती गयी  जिसके चलते जयललिता ने भी उसे अपने पीएस गार्डन आवास से नवम्बर ,2011से मार्च , 2012 तक बाहर कि रास्ता दिखा दिया था । फिर राजनीति में दखल न देने को शर्त पर ही उसे अपने आवास पर लौटने की अनुमति दी थी । यह भी उन दिनों चर्चा में रही बात कि शशिकला ने जयललिता के किसी भी परिवारजन को अस्पताल में मिलने नहीं दिया था । मात्र एक वीडियो कंपनी की मालकिन को  जयललिता के कार्यक्रमों के वीडियो बनाने का काम क्या मिला , वे तो मुख्यमंत्री बनने के ख्वाब देखने लगीं ! इसी महत्त्वाकांक्षा ने जयललिता को इस हश्र तक पहुंचाया ! 
दूर क्यों जाते हो , बसपा के संस्थापक कांशीराम भी जब बुरी तरह अस्वस्थ हुए तब उनकी शिष्या व उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी उनके पंजाब से आये परिवारजनों को मिलने नहीं दिया था । ये कांशीराम ही थे जिन्होंने कहा था मायावती से कि आईएएस की तैयारी न करो , मैं तुम्हें वह बनाऊंगा जिसके सामने आईएएस आगे पीछे घूमेंगे ! कांशीराम का यह कथन सच भी हुआ । इसके बाद मायावती ने अस्वस्थता के दिनों में उनकी देखरेख तो की लेकिन परिवारजनों को दूर ही रखा ।
ऐसे ही हुआ दिग्गज नेता जार्ज फर्नांडिस का हश्र भी ! जिनकी एक आवाज पर देश भर में रेल का चक्का थम जाता था और जो जेल में बंद रहते ही सांसद भी चुने गये , बाद में बाहर आने पर केंद्रीय मंत्री भी बने , उन्हीं जार्ज फर्नांडिस को भी इसी तरह नजरबंद जैसी स्थिति झेलनी पड़ी थी जब अंतिम दिनों में उनकी सहयोगी जया जेटली ने ऐसे ही उन्हें नजरबंद कर लिये था और वे विस्मृति की अवस्था में ही चले गये ! 
इस तरह के हश्र देखकर ऊपरवाले की शक्ति का अहसास बहुत जोर से होता है ! 
अब जांच के आदेश होने पर ही पता चल सकेगा कि जयललिता की मौत की जिम्मेदार शशिकला थी या नहीं ?
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।