समय के साथ चालाक होती गई  ट्विटर की चिड़िया

मैंने ट्विटर पर 2009 में, 13 साल पहले बनाया था अपना अकाउंट। तब यह एक नया अजूबा था जिस पर लोग अपने उठने-बैठने, खाने-पीने और रोजमर्रा जीवन की ऐसी ही छोटी-छोटी बातें शेयर किया करते थे।

समय के साथ चालाक होती गई  ट्विटर की चिड़िया

मैंने ट्विटर पर 2009 में, 13 साल पहले बनाया था अपना अकाउंट। तब यह एक नया अजूबा था जिस पर लोग अपने उठने-बैठने, खाने-पीने और रोजमर्रा जीवन की ऐसी ही छोटी-छोटी बातें शेयर किया करते थे। कुल मिलाकर तब यह एक हास्य-विनोद से भरपूर सामाजिक अड्‌डा हुआ करता था। धीरे-धीरे इस पर राजनीति, व्यापार और मार्केटिंग के चतुर खिलाड़ियों की निगाह पड़ी और उन्होंने इसका अपने तरीके से इस्तेमाल शुरू कर दिया। आज यह प्लेटफार्म टनों नकारात्मक विचारों को ढोता है और धौंस जमाने का एक जरिया बन गया है। भारत में करीब ढाई करोड़ लोग ट्विटर प्रयोग करते हैं, जबकि दुनिया भर में करीब 22 करोड़ लोग इस पर सक्रिय हैं। राजनीतिक दल और नेता ट्विटर का अपने-अपने ढंग से इस्तेमाल करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद यह प्लेटफार्म अपने यहां कुछ ज्यादा ही चर्चा में आ गया। अब जबकि दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति, स्पेस एक्स के संस्थापक एलन मस्क ने इसे 44 अरब डॉलर (करीब 3.37 लाख करोड़ रुपए) में खरीद लिया है, तो सबको यह जानने की इच्छा है कि इसका भविष्य कैसा होगा।

ट्विटर की डील तो हो चुकी है, लेकिन अभी कानूनी और नियामक पहलुओं पर समीक्षा होनी बाकी है, जिसके बाद यह माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफार्म पूरी तरह से टेस्ला सीईओ मस्क के अधीन चला जाएगा। मस्क को लगता है कि ट्विटर का मौजूदा प्रबंधन कंपनी को खराब तरीके से चला रहा है। मस्क ने ट्विटर में पहले 9 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल की, फिर पूरी कंपनी खरीदने की पेशकश कर डाली। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि ट्विटर में किस तरह के बदलाव होंगे। एक अनुमान यह है कि ट्विटर के असली अकाउंट होल्डर्स की पुष्टि करके सभी यूजर्स को ब्लू टिक दिया जाएगा, जिसे अभी प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है। अभी तक फिल्म, म्यूजिक, राजनीति और मीडिया जैसे गिने चुने फील्ड ही ब्लू टिक के दायरे में आते हैं। मस्क को लगता है कि ट्विटर में बहुत पोटेंशियल है, जिसका अब तक पूरा इस्तेमाल नहीं हुआ है। ट्विटर ने मस्क की सलाह पर अमल करते हुए ट्वीट को एडिट करने का फीचर जोड़ने का सोचा ही था कि इस बीच पूरी कंपनी ही मस्क के पास चली गई।

पोस्ट को एडिट करने की सुविधा फेसबुक, इंस्टाग्राम और लिंक्डइन पर पहले से मौजूद है, जबकि ट्विटर यूजर्स अभी तक इस परेशानी के साथ जी रहे थे कि गलत टाइप हो जाने पर उन्हें ट्वीट को डिलीट करना पड़ता था और फिर से नया ट्वीट करना पड़ता था। हालांकि, इसमें समस्या यह है कि ओरिजिनल ट्वीट भी ट्विटर की मैमोरी में मौजूद रहेगा। ट्विटर में अब तो और भी बहुत सारे बदलाव होंगे। मस्क फ्री स्पीच के हिमायती हैं और इसलिए ट्विटर पर सबको अपनी बात कहने की छूट देना चाहते हैं। इस तरह की खुली छूट भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में बहुत खतरनाक भी हो सकती है। इसका दुरुपयोग करके ट्रोल और उपद्रवी तत्व छूठी सूचनाएं फैलाकर देश में अराजकता फैला सकते हैं। दंगा-फसाद फैला कर वे अपनी ट्वीट को एडिट कर सकते हैं, जो और भी खतरनाक होगा। मस्क ने अपने पिछले ट्वीट्स में कहा था कि कौन सी ट्वीट प्रमोट होती है और कौन सी पीछे रह जाती है, इसके बारे में यूजर्स को पता होना चाहिए। देखिए आगे क्या-क्या होता है।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं)